धर्म का धंधा पार्ट-2: दान के पैसे के लिए पुजारी की करतूत, भाई को ठगा, पिता का बदला नाम

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धर्म का धंधा पार्ट-2: दान के पैसे के लिए पुजारी की करतूत, भाई को ठगा, पिता का बदला नाम

भोपाल. आस्था की आड़ में चल रहे कारोबार का खुलासा करने के लिए द सूत्र धर्म का धंधा सीरीज लेकर आया है। इसकी पहली कड़ी में हमने बताया था कि किस तरह धर्म की आड़ लेकर करोड़ों की सरकारी जमीन पर पुजारी ने कब्जा किया है। मंदिर की श्रृंखला बनाकर VIP भक्तों से मिलने वाले दान से पुजारी ने अपना बंगला खड़ा कर लिया है। धर्म का धंधा (Business of Religion) पार्ट-2 में हम आपको बताएंगे कि पुजारी रमाशंकर थापक ने मंदिर का संचालन करने वाली समिति हथियाने के लिए अपने भाई को धोखा दिया है। पुजारी यहीं तक नहीं रूका, उसने मंदिर की समिति का इकलौता कर्ता-धर्ता बनने के लिए अपने पिता का नाम तक बदल लिया।

समिति के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा

कागजों पर ग्यारह सौ क्वार्टर हनुमान मंदिर (Hanuman Mandir) और चार इमली के मंदिर का संचालन श्री हनुमान सांस्कृतिक एवं सामाजिक समिति कर रही है। फर्म्स एंड सोसाइटी में इस समिति का रजिस्ट्रेशन 1995 में कराया गया था। तब एमएल थापक इस समिति के अध्यक्ष थे और रमाशंकर थापक सचिव, लेकिन वर्तमान में समिति के अध्यक्ष रमाशंकर थापक बन गए है। एमएल थापक को समिति से ही बाहर कर दिया है। द सूत्र को आरटीआई (Right to Information) के जरिए मिले दस्तावेजों से खुलासा होता है कि समिति पर कब्जा करने के लिए रमाशंकर थापक ने बड़ा फर्जीवाड़ा (Fraud) किया है। रमाशंकर ने अपने बड़े भाई एमएल थापक को धोखा देते हुए उन्हें बिना बताए समिति से हटा दिया। 

पुजारी ने बदला पिता का नाम

समिति पर अपना हक हासिल करने के लिए रमाशंकर ने अपने पिता का नाम ही बदल दिया। एमएल थापक और रमाशंकर थापक के पिता दिवंगत दुर्गाप्रसाद थापक थे। पहले रमाशंकर थापक अपने पिता का नाम डीपी थापक लिखते हैं लेकिन फर्जी तरीके से समिति के अध्यक्ष बनने के बाद पिता का नाम एमएल थापक लिखने लगे। ऐसा करके रमाशंकर थापक समिति के इकलौते कर्ता-धर्ता बन गए है।

बड़े भाई ने खोला धर्म के धंधे का चिठ्ठा

बड़े भाई एमएल थापक ने रमाशंकर थापक के कारनामों की पोल खोलते हुए कहा कि उसने चार इमली पर भी कब्जा कर लिया, यहां भी कब्जा कर लिया। जो चीज उसको मिल जाए, उस पर कब्जा कर लेता है। उन्होंने कहा कि सही रुप में धर्म का धंधा हो रहा है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। चार इमली में फॉरेस्ट (Forest Land Mandir) की जमीन पर मंदिर बनाया है। उसके नीचे किराएदार रह रहे हैं। सभी को मालूम है, SDM तक को पता है। 

फर्जीवाड़े पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई

फर्म्स एंड सोसाइटी एक्ट के जानकार एडव्होकेट विनोद राठौर बताते हैं रमाशंकर थापक ने फर्जीवाड़ा किया है। रजिस्ट्रार जांच करके कार्रवाई कर सकते है। समिति का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जा सकता है। इतना ही नहीं पुलिस को भी कार्रवाई के लिए लिख सकते हैं। पुलिस कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी करने का केस दर्ज कर सकती है। 

धर्म का धंधा: भोपाल में करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा, दान के पैसे से बना डाला बंगला

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