RSS प्रमुख भागवत से महाकाल के पुजारी और ब्राह्मण समाज के उपाध्यक्ष ने पूछे तीन सवाल, पूछा - त्रेतायुग में वर्ण व्यवस्था किसने बनाई

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RSS प्रमुख भागवत से महाकाल के पुजारी और ब्राह्मण समाज के उपाध्यक्ष ने पूछे तीन सवाल, पूछा - त्रेतायुग में वर्ण व्यवस्था किसने बनाई

UJJAIN. देशभर में रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर छिड़े विवाद के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया था। मुंबई में संत रविदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है, जाति पंडितों ने बनाई, जो गलत है। इस बयान का कई शहरों में विरोध हो रहा है। इस बीच महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी महेश गुरु और अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के उपाध्यक्ष रूपेश मेहता ने भागवत को एक लेटर लिखा। इसमें उन्होंने तीन सवाल पूछे। इन्होंने संघ के अंदर की व्यवस्थाओं पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। लेटर में पूछा कि क्या संघ में वर्ण व्यवस्था समाप्त करेंगे?





लेटर में संघ प्रमुख से ये तीन सवाल पूछे 





(1) त्रेतायुग में भगवान राम किस वर्ण और वंश के थे? रावण का वंश और वर्ण क्या था? शबरी और केवट किस वर्ण और वंश के थे? त्रेतायुग में वर्ण व्यवस्था किसने बनाई? श्रीराम ने, रावण ने, शबरी ने या केवट ने स्पष्ट करें?





(2) द्वापरयुग में श्रीकृष्ण ने यदुवंश में जन्म लिया, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में जब स्वयं को वर्ण व्यवस्था का रचनाकार बताया है, तो ब्राह्मण समाज पर आरोप क्यों?





(3) यदि देश में वर्ण व्यवस्था समाप्त करना चाहते हैं, तो पहले संघ और घटकों की वर्ण व्यवस्था को समाप्त करे। सभी कार्यकर्ताओं के लिए आदेश निकालें कि अपने लड़के–लड़कियों के विवाह संस्कार दलित और पिछड़े वर्ग में करें। सभी सदस्यों से एक लिखित नोटरी करें कि आप किसी वर्ण से संबद्ध नहीं रहेंगे। यदि कोई भी सदस्य वर्ण व्यवस्था में रहता है, तो वह संघ को छोड़ सकता है या क्या आप स्वयं उसे संघ से बाहर करेंगे?





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महाकाल मंदिर के पुजारी ने लिखा लेटर





लेटमें तीन बिंदुओं पर भागवत से संघ की व्यवस्थाओं को लेकर जवाब मांगा है। ये लेटर 9 फरवरी, गुरुवार को संघ प्रमुख भागवत को पोस्ट किया जाएगा। महेश पुजारी ने कहा कि ब्राह्मणों पर संघ प्रमुख ने वर्ण व्यवस्था बनाने का आरोप लगाया है, उससे देश के ब्राह्मणों और पंडितों को ठेस पहुंची है। लेटर में कहा गया है कि देश के ब्राह्मणों, पंडितों को उपरोक्त तीन बिंदुओं पर उत्तर देने की कृपा करें।





उज्जैन में ब्राह्मण समाज जता चुका है विरोध





उज्जैन में ब्राह्मण समाज ने विरोध दर्ज कराया था। पंडित राजेश त्रिवेदी ने कहा था कि ब्राह्मण समाज भागवत के बयान से आक्रोशित है। उनका बयान समाज के खिलाफ और हिन्दू समाज को खंड-खंड करने वाला है। अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्या बिना ब्राह्मण के हिन्दू राष्ट्र की कल्पना की जा सकती है? सुरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा था कि देश में आजकल ब्राह्मणों को टारगेट किया जा रहा है। ब्राह्मण समाज का मानना है कि हमने हमेशा मार्गदर्शन किया है। ब्राह्मण संगठित है, हम अपनी आवाज उठाना जानते हैं।



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