BHOPAL. बीजेपी से 3 महीने पहले निकाले गए प्रीतम लोधी पर 12 घंटे में बवाल हो गया। 28 नवंबर यानी सोमवार देर रात खबर आई कि प्रीतम लोधी को ओबीसी महासभा से निकाल दिया गया है। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। मंगलवार सुबह यानी 29 नवंबर को ओबीसी महासभा के मध्य प्रदेश अध्यक्ष ने यह कहकर तूफान ला दिया कि प्रीतम लोधी को निष्कासित नहीं किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी दिनेश कुमार ने पुष्टि की कि प्रीतम लोधी को निकाल दिया गया है। दोपहर होते-होते फिर नई बात सामने आई। ओबीसी महासभा के संस्थापक विजय कुमार ने नया पोस्टर जारी कर कहा कि प्रीतम लोधी के निष्कासन की सूचना पूरी तरह भ्रामक और झूठी है।
प्रीतम लोधी बोले- मैंने खुद ओबीसी महासभा छोड़ने की पेशकश की थी
मैंने खुद ओबीसी महासभा छोड़ने की पेशकश की थी, ये लोग एसटी-एससी की उपेक्षा कर रहे हैं, मैं सबको साथ में लेकर काम करना चाहता हूं, मैं सबको जोड़ने के लिए सदस्य बना था, इन्होंने मुझे रसीद की गड्डी पकड़ा दी। मैं जयस के साथ 10 दिसंबर को भोपाल में बैठक कर रहा हूं। मैं सपा, सपा,आप,जयस,भीम पार्टी और गोंडवाना को जोड़कर अपना काम कर रहा हूं।
प्रीतम के निष्कासन पर ओबीसी महासभा में ही मचा घमासान
ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र (जीतू) लोधी ने कहा कि प्रीतम लोधी को निष्कासित नहीं किया गया है। जब प्रदेश ने उनको सदस्य बनाया तो राष्ट्रीय टीम कैसे निष्कासित कर सकती है। हमने राष्ट्रीय टीम को सूचित कर दिया, प्रीतम को निष्कासित न करने संबंधी पत्र भी जारी कर रहे हैं। जीतू ने ये भी कहा कि मीडियाकर्मियों से पता लगा कि महासभा से प्रीतम लोधी जी को निकाल दिया गया है। ऐसा कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा किया गया। उन लोगों से ओबीसी महासभा की लोकप्रियता नहीं देखी जा रही। कुछ असामाजिक तत्व लगातार ऐसी भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं। जो भी इस तरह (प्रीतम लोधी को निकाले जाने को लेकर) की जानकारियां आ रही हैं, उनका मैं खंडन करता हूं। प्रीतम लोधी ओबीसी महासभा के सदस्य हैं और रहेंगे। ओबीसी महासभा आज 8 से 10 राज्यों में काम कर रही है। ये लोकप्रियता कुछ लोगों से देखी नहीं जा रही। ये जो मनुवादी लोगों की मानसिकता है, मैं इसका विरोध करता हूं। उधर, ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी दिनेश कुमार ने कहा कि हमने प्रीतम लोधी को निष्कासित किया है। हमें ये फैसला लेने का पूर्ण अधिकार है। जीतू लोधी क्यों ऐसा कह रहे हैं, ये तो वही बता सकते हैं।
मध्य प्रदेश में लगातार विवादों में बने हैं प्रीतम लोधी
19 अगस्त 22 को उमा भारती के करीबी और बीजेपी नेता प्रीतम सिंह लोधी को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया। ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने पर पार्टी ने उनके खिलाफ ये कड़ा कदम उठाया। बीजेपी ने कहा कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है। सभी समाज का सम्मान करती है। प्रीतम से उनके बयान पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। लोधी ने अपने बयान में लिखित में माफी मांगी थी, लेकिन पार्टी उनके लिखित जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। प्रीतम लोधी ने 17 अगस्त को बदरवास (शिवपुरी) में एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज को लेकर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयान दिया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उनकी टिप्पणी से ब्राह्मण समाज नाराज हो गया और कई जगह प्रदर्शन हुए थे।
प्रीतम को जैसे ही बीजेपी ने पार्टी ने बाहर निकाला, उन्होंने फेसबुक पर अपनी फोटो बदली और लिखा- हारी हुई बाजी को पलटने वाले को बाजीगर कहते हैं और लिखा टाइगर अभी जिंदा है। निष्कासन के बाद जब ग्वालियर पहुंचे तो स्टेशन पर उनके स्वागत के लिए भारी भीड़ उमड़ी। शिवपुरी के पिछोर में भी प्रीतम लोधी ने एक बड़ी रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया। 25 अगस्त को लोधी ने भिंड जिले में रैली की, हालांकि रैली पथराव के चलते विवादों में घिर गई। प्रीतम लोधी ने पार्टी से निष्कासन के बाद सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ाई। वे लोधी समाज को एकजुट करने में जुटे हैं। प्रीतम पर 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं इसमें तो कई मामले गंभीर किस्म यानी हत्या, हत्या के प्रयास जैसे केस हैं।
प्रीतम ने दशहरा मिलन कार्यक्रम में बंदूकें लहराई गईं
प्रीतम लोधी के दशहरा मिलन समारोह में उनके समर्थक हवा में बंदूकें लहराते हुए दिखे, हालांकि लोधी के हाथ में बंदूक नहीं थी। यहां प्रीतम ने मंच से संबोधन में सभी समर्थकों को बंदूक के साथ शपथ भी दिलाई कि जिसमें वे कहते दिखे कि ना तो अत्याचार देखना है, ना ही सहना है। रैली के शुरू में उनके समर्थक अपनी बंदूकों को लहराने में संकोच करते दिखे तो मंच से उन्होंने गरजते हुए कहा- घबराओ नहीं, शान से बंदूक उठाओ, एक भी लाइसेंस सस्पेंड नहीं होने दूंगा।
प्रीतम और बागेश्वर धाम में तनातनी
बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम सिंह लोधी के बीच जुबानी जंग दिखी। द सूत्र से बातचीत में प्रीतम लोधी ने आरोप लगाए कि उनके समधी की मौत के पीछे धीरेंद्र शास्त्री का हाथ है और इधर द सूत्र से बातचीत में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वो अपना काम कर रहे हैं। अगस्त में ब्राह्मणों को लेकर प्रीतम लोधी का बयान आया, इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने पलटवार किया और लोधी की ठठरी बांधने की बात कह डाली। जब मुद्दा गर्माया तो प्रीतम लोधी ने माफी मांग ली। मगर लोधी को माफी तो नहीं मिली और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
28 नवंबर की रात प्रीतम को निकाले जाने का पोस्टर, 29 नवंबर की दोपहर खबर को गलत बताया
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