BHOPAL. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में छह माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां कांग्रेस और बीजेपी में सीधा मुकाबला होने के आसार हैं। दोनों की पार्टियों ने चुनावी घोषणाएं करना शुरू कर दिया है। खास तौर से मध्यप्रदेश में बीजेपी की ओर से सीएम शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में चुनाव लड़ा जाना लगभग तय माना जा रहा है वहीं कांग्रेस, पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेगी। छत्तीसगढ़ में भी सेनेरियो काफी कुछ साफ है। जैसे कांग्रेस सीएम भूपेश बघेल की अगुवाई में और बीजेपी पूर्व सीएम रमन सिंह (संभवत:) के चहरे पर चुनाव में जोरआजमाइश करेगी। दोनों ही जगह कांग्रेस का स्टार प्रचारक पार्टी की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी ही होंगी। प्रियंका गांधी हिमाचल के बाद कर्नाटक में शानदार कैंपेन कर रही हैं। हालांकि, बीजेपी अपने डबल इंजन सरकार के पुराने फॉर्मूले पर चुनाव प्रचार कर रही है। मप्र में कांग्रेस शिवराज सरकार की एंटी इनकंबेंसी के सहारे चुनावी नैया पार करना चाह रही है।
कर्नाटक चुनाव में प्रियंका गांधी कर रहीं धुआंधार रैलियां
हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी सरकारी आयोजनों के बहाने मध्य प्रदेश का लगातार दौरा कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस कर्नाटक चुनाव के बाद अपने बड़े नेताओं को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लाने की तैयारी में है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का स्टार चेहरा पार्टी की जनरल सेक्रेट्री प्रियंका गांधी ही होंगी। उत्तर प्रदेश में करारी हार के बाद प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी। अभी कर्नाटक में भी प्रियंका गांधी ताबड़तोड़ ढंग से पार्टी का प्रचार कर रही हैं और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। इस साल के अंत में मप्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इन राज्यों में स्टार प्रचारक से लेकर संकटमोचन की भूमिका बखूबी निभाने वाली प्रियंका गांधी के चेहरे का इस्तेमाल कांग्रेस कैसे करती है? इसका अभी इंतजार करना होगा।
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...तो प्रियंका गांधी केंद्रीय भूमिका होंगी
कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी संन्यास का संकेत दे चुकी हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रियंका गांधी आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी का चमकता हुआ सितारा हैं। मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई है और वे 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित हो चुके हैं। हालांकि, राहुल ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है लेकिन अगर ऊपरी अदालतों से भी उन्हें राहत नहीं मिली तो क्या प्रियंका गांधी ही पार्टी की केंद्रीय भूमिका में नजर आएंगी?
यहां बता दें, कांग्रेस में काफी पहले से एक धड़ा चाहता रहा है कि राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान दे देनी चाहिए। प्रमोद कृष्णम ऐसे नेता हैं जो खुल कर प्रियंका गांधी की वकालत करते रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस में प्रियंका का दौर शुरू होने वाला है।
एमपी में होगा राहुल और प्रियंका गांधी की भव्य रैलियां
मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस की काफी संवेदनशील नेता हैं। उनमें पब्लिक से कनेक्ट करने का शानदार गुण है। वे जनता की तकलीफें जानती हैं। उन्होंने हिमाचल और कर्नाटक में जिस तरह से पार्टी के लिए प्रचार में विपक्षी दलों को काउंटर किया, वो काबिले तारीफ है। हम लोग मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी को भी स्टार प्रचारक के रूप में बुलाने के लिए उत्सुक हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं की बड़ी रैलियां मध्य प्रदेश में आयोजित करने की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं।