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देव श्रीमाली, GWALIOR. जो सरपंच सालों से उसे रसद पहुंचाता था, उसी से रार पाल लेना चंबल के कुख्यात दस्यु सरगना गुड्डा गुर्जर को बहुत भारी पड़ गई और उसी की मुखबिरी पर पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर में गुड्डा को बड़ी आसानी से दबोच लिया। हालांकि, उसके तीन फरार साथियों की तलाश के लिए पुलिस ने रात भर सर्चिंग अभियान चलाया। ग्वालियर चंबल में डकैत गुड्डा का पिछले 21 साल से आतंक था। गुड्डा ने हत्या, अपहरण, फिरौती, लूट जैसी वारदातों को पिछले 21 साल में अंजाम दिया था। लेकिन जैसे ही चंबल का कुख्यात डकैत पुलिस की गिरफ्त में आया। वैसे ही अंचल के लोगों ने उसके आतंक से राहत की सांस ली।
पुलिस की कहानी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार ग्वालियर पुलिस की टीम एके .47 जैसे आधुनिक हथियार से लैस थी। खबर भी पिन पॉइंट थी। भंवरपुरा के जंगल में जैसे है गैंग और पुलिस के बीच आमना .सामना हुआ वैसे ही गुड्डा और उसकी गैंग ने फायर खोल दिये। इसके जवाब में पुलिस ने भी ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। बसोटा के जंगल में स्थित पहाड़ी की आड़ लेकर गुड्डा और उसकी गैंग फायरिंग कर रही थी। महज 300 मीटर दूर ग्वालियर पुलिस की टीम थी, जिसने करीब 40 मिनट में 90 राउंड फायर किए। इसमें से एक गोली गुड्डा को तब लगी। जब वह तलहटी से भागते समय फायरिंग कर रहा था। गोली लगते ही वह चीखा, तब पुलिस ने उसे दबोच लिया, लेकिन उसके साथी जोगेद्र गुर्जरए कल्ली गुर्जर और जोगेंद्र सिंह भाग निकले, जिनकी तलाश में लगातार सर्चिंग चल रही है।
कारतूसों की पड़ताल में जुटी पुलिस
गुड्डा गुर्जर के पास से 315 बोर की रायफल और 40 कारतूस का पूरा बेल्ट बरामद हुआ है, लेकिन जो राउंड उसकी ओर से फायर हुए हैं, उसमें कुछ राउंड अलग हैं। जिनकी पड़ताल पुलिस कर रही है।
इस तरह बनाई रणनीति
मंगलवार को चंबल एडीजी राजेश चावला डकैत गुड्डा की धरपकड़ की योजना बनाने के लिए बार्डर मीटिंग लेने पहाड़गढ़ आए थे। पहाड़गढ़ के थाने में मुरैना एसपी आशुतोष बागरी, श्योपुर एसपी आलोक कुमार सिंह के साथ एडीजीपी चावला बैठक कर रहे थे। इसी दौरान साइबर सेल के अफसरों ने बताया कि डकैत गुड्डा गुर्जर पहाड़गढ़ की सीमा से निकलकर ग्वालियर जिले के घाटीगांव.बसोटा के जंगलों में निकल गया है। डकैत गुड्डा के एक साथी की मोबाइल लोकेशन स्पष्ट होने के बाद एडीजीपी चावला ने ग्वालियर एडीजीपी को तत्काल सूचना दीए उसके बाद ग्वालियर पुलिस सक्रिय हुई। मुरैना पुलिस से इनपुट मिलने के बाद ग्वालियर पुलिस की टीम को यहां लगाया गया। डकैत गुड्डा गुर्जर के विरोधी इस गांव में हैं, जिन्हें पुलिस ने सक्रिय कर दिया। ग्वालियर में पदस्थ सीएसपी रत्नेश सिंह तोमर एंटी डकैत टीम में लंबे समय तक रहेए जिसका फायदा उन्हें मिला। सबसे पहले उन्हें इनपुट मिला, इसके बाद उन्होंने एडीजी और एसएसपी अमित सांघी को बताया। दोपहर 1:30 बजे पहला इनपुट मिला कि गुड्डा और उसके साथी जोगेंद्र गुर्जर, कल्ली गुर्जर, जोगेंद्र सिंह बसोटा आए हैं। यहीं से पूरी प्लानिंग शुरू हुई। एडीजी वर्मा, एसएसपी अमित सांघी ने एएसपी राजेश दंडोतिया, डीएसपी ऋषिकेष मीणा, सीएसपी रत्नेश तोमरए क्राइम ब्रांच प्रभारी दामोदर गुप्ता के साथ मिलकर आपरेशन प्लान किया। इस टीम में एसआइ मनोज परमार, हवलदार नवरीर राणा, भगवती सिंह के अलावा अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। ब्रीफिंग होने के बाद पूरी टीम के निजी नंबर बंद कराए गए, 5 बजे टीम रवाना हो गई। क्योंकि सूचना थी, रात में गैंग यहां से मूव करेगी। 6 बजे से सर्चिंग शुरू हो गई। गांव के एक व्यक्ति ने सूचना दी थी, उसने वह ठिकाना बता दिया, जहां गैंग फरारी काट रही थी। 07:30 बजे आमना सामना हो गया और करीब 8:10 बजे गुड्डा पकड़ लिया गया।
आधा दर्जन थानों में 31 केस दर्ज
मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी और श्योपुर जिले के आधा दर्जन से ज्यादा थानों में गुड्डा गुर्जर पर 31 केस दर्ज हैं। इनमें 20 से ज्यादा केस मुरैना जिले के नूराबाद, बानमोर, सुमावली, पहाड़गढ़, निरार व जौरा थाने में दर्ज हैं। एक साल में मुरैना पुलिस के साथ डकैत गुड्डा की आठ बार मुठभेड़ हुई पर भाग निकला। हत्या के दो मामलों में डकैत गुड्डा को आजीवन कारावास हो चुका है। गुड्डा पर इनाम की राशि 60 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये का प्रस्ताव सरकार को भेजा था।
न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाएगा
चंबल के बीहड़ों के आखरी डकैत गुड्डा गुर्जर को शार्ट एनकाउंटर के दौरान पैर में गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी हालत में सुधार है और डॉक्टरों द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद गुड्डा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाएगा।
मुठभेड़ की कहानी पर संदेह
उधर पुलिस ने शार्ट एनकाउंटर में गुड्डा के पांव में गोली लगने के बाद उसकी गिरफ्तारी और दो साथियों के भाग निकलने की कहानी सुनाई उसको लेकर पुलिस कार्यवाही पर संदेह जताते हुए तंज भी कसे जा रहे हैं। लोगों का कहना है । पकड़ने के बाद के फोटो में कल्ला खुश नजर आ रहा है और पुलिस की गोली सिर्फ पैर में लगने से लग रहा है यह फिक्सिंग वाला एनकाउंटर है।