BHOPAL. सांची यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर्स की भर्ती में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। चहेतों की नियुक्ति के लिए नियमों को बदला गया और छुट्टी की अवधि में विज्ञापन की मियाद तय की गई। भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को पत्र लिखकर जांच के बाद कार्रवाई की मांग की है।
सांची यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की भर्ती
सांची यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भर्ती निकाली है। जिसको लेकर बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय ने 13 अप्रैल 2023 को सीधी भर्ती द्वारा शैक्षणिक पदों पर आवेदन आमंत्रित किए हैं।
आरक्षण रोस्टर को नियम विरुद्ध किया लागू
यूजीसी द्वारा निर्धारित एवं प्रचलित विषयों के नाम परिवर्तित कर आरक्षण रोस्टर को नियम विरूद्ध लागू किया गया है। जिसके कारण आरक्षित वर्ग का अहित होने के साथ ही अयोग्य उम्मीदवारों का चयन होने का अंदेशा है। इसके साथ ही कुछ विभागों जैसे जर्नलिज्म एवं मास कम्युनिकेशन में दोनों ही पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि 6 जनवरी 2022 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार पहला पद अनारक्षित और दूसरा पद ओबीसी के लिए आरक्षित होता है। हिंदी को एप्लाइड हिंदी और फिल्म ऑफ कल्चर स्टडी के स्थान पर मल्टीमीडिया उल्लेखित किया गया है।
चहेतों की नियुक्ति के लिए गलत तरीके से बनाए नियम
सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय इन दिनों मध्यप्रदेश शासन के नियमों को दरकिनार रखते हुए मनमाने रवैया से बैकडोर तरीके से फर्जी भर्ती का गढ़ बन चुका है। यहां पर विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के अध्यक्ष और सदस्य सचिव मिलकर गलत तरीके से नियम बनाकर एसेंशियल सर्विसेज के तहत कैजुअल भर्ती का प्रचलन पिछले 1 वर्षों से फल-फूल रहा है, जहां पर ना तो मध्यप्रदेश शासन का कोई नियम चलता है और ना ही यूजीसी का नियम, यहां केवल कार्य परिषद के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति अपने स्वयं के नियम बनाकर मनमाने तरीके से पिछले 1 वर्षों में आकस्मिक सेवा में 2 लाख से लेकर 5 लाख तक की राशि वसूलकर नियम विरुद्ध तरीके से कैजुअल अपॉइंटमेंट में नियुक्ति प्रदान की गई है।
- विज्ञापन दिनांक 30 दिसंबर 2021 को IT संबंधित कार्य हेतु 02 पदों का विज्ञापन जारी कर भर्ती पूर्ण की गई
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शासन के नियमों को ताक पर रखा
मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा शासकीय सेवा में सीधी भर्ती के तृतीय एवम चतुर्थ श्रेणी के पदों पर चयन होने पर 3 वर्ष की प्रोबेटन पीरियड में 70, 80, 90 प्रतिशत वेतनमान में वेतन दिए जाने का प्रावधान है जबकि बौद्ध विश्वविद्यालय प्रदेश का अनोखा विश्वविद्यालय है कि यहां पर सभी नियमों को ताक पर रखते हुए एमपीपीएससी के समान वेतन प्रदाय किया जा रहा है।
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कार्यालय सहायक के पद पर भर्ती हुए अभ्यर्थी ले रहे पूर्ण वेतन
यूनिवर्सिटी में एक ही समय में कुछ कैजुअल अपॉइंटमेंट कार्यालय सहायक के पद पर भर्ती हुए अभ्यर्थी पूर्ण वेतन भी ले रहे हैं और साथ ही विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी साइंस के रेगुलर स्टूडेंट भी हैं। वे रेगुलर पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हैं अर्थात एक साथ शासकीय नौकरी भी और पढ़ाई भी चल रही है ये सभी मुद्दे यूनिवर्सिटी के कुलपति के संज्ञान में होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय में हुई भर्ती पर उठे थे सवाल
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन की जांच कराकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। बता दें कि सांची विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। लेकिन भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इससे पहले पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल में हुई भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठे थे।