BHOPAL. मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए सड़क पर उतर आए हैं। शनिवार को राजधानी भोपाल में प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना था कि मौसम और सरकार पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इससे पहले कर्मचारियों ने सभी जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपे था।
'मौसम और सरकार पर भरोसा नहीं करना'
मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि केवल बातों से बताशे बनाने वालों का स्वागत नहीं करो। मौसम और सरकार पर भरोसा नहीं करना। वाहन चालक यांत्रिकी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष साबिर खान ने कहा कि कर्मचारी सरकार से नाराज हैं। हम गाड़ी चलाएंगे तो न स्पीड ब्रेकर देखेंगे, न गड्ढा, पीछे बैठा अधिकारी आगे आ जाएगा, तब समझ आएगा कि इनकी सुनी नहीं।
नीलम पार्क में धरना प्रदर्शन
मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश पेंशनर एसोसिएशन के आह्वान पर जहांगीराबाद के नीलम पार्क में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
सरकारी कर्मचारियों की ये भी मांग
- प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय दर और केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाए।
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सरकारी कर्मचारी क्यों कर रहे पुरानी पेंशन बहाली की मांग
1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10 प्रतिशत और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। कर्मचारी संगठन के अनुसार, इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60 प्रतिशत राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40 प्रतिशत राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है। पुरानी पेंशन बहाली संघ के मुताबिक पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। DA बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई पेंशन स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं है।