संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) के अधिकारियों की कथनी और करनी में कितना अंतर है, इसकी पोल अभ्यर्थियों ने पीएससी अधिकारियों के साथ चर्चा का एक वीडियो द सूत्र को भेजकर खोली है। यह वीडियो 21 अक्टूबर 2021 का है, जब मुख्य परीक्षा मार्च 2021 में हो चुकी थी और दोबारा परीक्षा कराने को लेकर भ्रम था। जिसमें अभ्यर्थी इस बात को लेकर पहुंचे थे कि यह दोबारा तो नहीं की जाएगी, तब अधिकारियों ने दम भरकर कहा था कि ऐसा कुछ नहीं होगा, आप ऑनरिकार्ड यह बात ले लीजिए, कोर्ट और सरकार ऐसे फैसले नहीं लेती कि पीछे ली गई परीक्षा को फिर से लिया जाए। लेकिन आयोग द्वारा अप्रैल 2022 में रोस्टर नियमों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अक्टूबर 2022 में पुराने रिजल्ट जीरो करते हुए राज्य सेवा परीक्षा 2019 की लिखित परीक्षा जनवरी 2023 में फिर से कराने का फैसला लिया है। इसी मामले में अभ्यर्थियों द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होना है।
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यह हुई थी चर्चा
- अभ्यर्थी- रोस्टर नियमों को लेकर कोर्ट केस लगा हुआ है, दोबारा मुख्य परीक्षा ली जा सकती है, अब क्लियरिटी करना चाहते हैं
अब हो यह रहा है
मप्र राज्य सेवा परीक्षा 2019 की प्री और लिखित परीक्षा दोनों के रिजल्ट आ चुके थे और 1918 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई थी। अप्रैल 2022 में रोस्टर नियमों को लेकर हाईकोर्ट ने फैसला दिया और रोस्टर नियमों को दरकिनार किया। पीएससी ने इसके बाद विधिक सलाह और शासन से पत्राचार का लंबा दौर चलाया और जब ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के अंतरिम निर्देश आए तब अक्टूबर 2022 में पुराने सभी वादे, आश्वासन से पलटते हुए सभी रिजल्ट जीरो किए और दोबारा प्री का रिजल्ट जारी किया और जनवरी 2023 में दोबारा लिखित परीक्षा कराने की घोषणा कर दी। इसके बाद अभ्यर्थी पहले जबलपुर की डबल बैंच में अप्रैल 2022 में आए रोस्टर नियमों के फैसलों के क्लीरिफेकशन को लेकर हाईकोर्ट गए और साथ ही पहले इंटरव्यू के लिए सफल हो चुके अभ्यर्थियों की ओर से भी सिंगल बैंच में याचिका लगी कि जो सफल हो चुके उनकी दोबारा परीक्षा नहीं हो। रोस्टर नियमों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने याचिका यह कहते हुए निराकृत कर दी है कि सिंगल बैंच में सुनवाई कर रही है और वह इस मामले में फैसला देगी। दूसरी याचिका पर अब इस सप्ताह 22 नवंबर को सुनवाई प्रस्तावित है, हालांकि बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट जज के अवकाश पर होने के चलते यह सुनवाई आगे बढ़ सकती है।