भोपाल में PWD के अधिकारियों ने की जनता के पैसों की बंदरबांट, परफॉर्मेंस गारंटी वाली सड़क बनाने के लिए जारी किया नया टेंडर

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Rahul Garhwal
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भोपाल में PWD के अधिकारियों ने की जनता के पैसों की बंदरबांट, परफॉर्मेंस गारंटी वाली सड़क बनाने के लिए जारी किया नया टेंडर

अंकुश मौर्य, BHOPAL. मध्यप्रदेश में अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कई किस्से सुनने को मिलते हैं। भ्रष्टाचार करने के साथ-साथ अधिकारी किस तरह से टैक्सपेयर के पैसों को ठिकाने लगाते हैं। इसका उदाहरण राजधानी भोपाल में देखने को मिला है। भोपाल में एक सड़क बनाने में ही पीडब्लूडी के अधिकारियों ने जनता के पैसे की बंदरबांट कर दी। और तो और अपनी गलती छुपाने के लिए अधिकारियों ने एक ऐसे कारनामे को अंजाम दिया जिससे ये बात और पुख्ता हो गई कि जनता के पैसे को अधिकारियों ने बड़ी सफाई से ठिकाने लगाया है। जब द सूत्र ने इस पूरे मामले की पड़ताल करते हुए इस गड़बड़ी को पकड़ा तो पीडब्लूडी के अधिकारी महोदय ने संवादताता को रिश्वत की पेशकश की, लेकिन खबरों के साथ समझौता न करने वाले द सूत्र ने इस पेशकश को ठुकरा दिया। इस स्पेशल रिपोर्ट में हम भ्रष्टाचार का पूरा खुलासा कर रहे हैं।



ओल्ड सुभाष नगर की सड़क बनाने में जनता के पैसों की बर्बादी



ओल्ड सुभाष नगर की सड़क बनने से स्थानीय लोग खुश हैं, लेकिन वे इस बात से अनजान हैं कि सड़क बनाने वाले विभाग पीडब्लूडी ने जनता के ही टैक्स के पैसे की बंदरबांट कर दी है। जब ये सड़क बनाई गई थी तब राजधानी परियोजना प्रशासन यानी सीपीए अस्तित्व में था। साल 2021 में खुद सीएम ने सीपीए को बंद करने का फरमान सुना दिया था उसके बाद से सीपीए को पीडब्लूडी विभाग में मर्ज कर दिया गया। जिस समय से सड़क बनाई गई थी उस समय सीपीए ने सड़क की पूरी डीटेल बताते हुए एक बोर्ड लगाया था।



इस बोर्ड पर लिखा था...



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  • विभाग का नाम- राजधानी परियोजना प्रशासन


  • कार्य का नाम- ओल्ड सुभाष नगर के कॉर्डिनेशन मार्गों का काम

  • लागत- 56 लाख 81 हजार रु.

  • 1 नवंबर 2018 को सड़क बनकर तैयार हुई

  • सड़क की परफॉर्मेंस गारंटी खत्म होने की तारीख दर्ज है 30 अक्टूबर 2023

  • ठेकेदार का नाम है गणेश सिंह



  • इस बोर्ड के मुताबिक सड़क बनने की तारीख 1 नवंबर 2018 से लेकर परफॉर्मेंस गारंटी की तारीख 30 अक्टूबर 2023 तक यदि सड़क खराब होती है या फिर उखड़ती है तो जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी।



    परफॉर्मेंस गारंटी का मतलब




    • परफॉर्मेंस गारंटी का मतलब है ठेकेदार की तरफ से सड़क की गारंटी।


  • जो भी विभाग ठेकेदार से सड़क बनाता है उसके एवज में परफॉर्मेंस गारंटी के तौर पर निर्माण के कुल लागत का 5 या 10 फीसदी राशि जमा करवा लेता है।

  • यदि सड़क निर्माण के बाद ये 6 महीने या सालभर में खराब होती है तो ठेकेदार को सड़क बनाकर देनी होती है।

  • यदि ठेकेदार सड़क नहीं बनाता तो इसके एवज में जो परफॉर्मेंस गारंटी का पैसा जमा होता है, उस पैसे से संबंधित विभाग सड़क बनाता है।



  • 30 अक्टूबर 2023 तक की परफॉर्मेंस गारंटी



    अब जैसे स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क तो पिछले दो-ढाई साल से खराब पड़ी थी, तो कायदे से ठेकेदार गणेश सिंह को इस सड़क का मेंटेनेंस करना था। क्योंकि ठेकेदार की परफॉर्मेंस गारंटी 30 अक्टूबर 2023 तक की बोर्ड पर लिखी हुई है। ढाई साल बाद नए सिरे से सड़क बन रही है तो जाहिर तौर पर नियम के मुताबिक ठेकेदार गणेश सिंह जिसकी परफॉर्मेंस गारंटी है वो ही सड़क बना रहा होगा और जब द सूत्र ने इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।



    द सूत्र संवाददाता को रिश्वत की पेशकश



    भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी कैसे टैक्स पेयर के पैसे को ठिकाने लगाते हैं और पड़ताल करते करते जब संबंधित विभाग के अफसर से बात की तो अफसर ने द सूत्र संवाददाता अंकुश मौर्य को पैसों से भरा लिफाफा देकर रिश्वत की पेशकश की। द सूत्र का सूत्रवाक्य है कि हम खबरों के साथ कभी समझौता नहीं करते, इसलिए द सूत्र संवाददाता अंकुश मौर्य ने रिश्वत की इस पेशकश को ठुकरा दिया। जब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ तो अफसरों ने एक नए कारनामे को अंजाम दिया, जिससे साफ होता है कि इस पूरे मामले में पैसों की बंदरबांट की गई है।



    परफॉर्मेंस गारंटी वाली सड़क बनाने के लिए नया टेंडर



    जब इस सड़क का काम शुरू हुआ तो द सूत्र को पता चला कि इस सड़क को ठेकेदार गणेश सिंह नहीं बनवा रहा। जबकि ये सड़क परफॉर्मेंस गारंटी में है। कायदे से तो इसी ठेकेदार को सड़क बनानी थी, लेकिन पीडब्लूडी विभाग ने इस सड़क का नया टेंडर जारी कर दिया। शैपर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर मिला। जो सड़क परफॉर्मेंस गारंटी में है उसका नया टेंडर कैसे जारी हो सकता है। इसी सवाल का जवाब तलाशने द सूत्र संवाददाता ने पीडब्लूडी के संभाग क्रमांक-1 के ईई आरपी गुप्ता को फोन लगाया। आरपी गुप्ता ने फोन पर कहा कि आकर मुलाकात करें, लेकिन द सूत्र आर पी गुप्ता से सवाल पूछ चुका था कि परफॉर्मेंस गारंटी में सड़क होने के बाद भी नया टेंडर कैसे जारी किया गया। इस सवाल के बाद अधिकारी को इस बात का एहसास हो गया कि द सूत्र को भनक लग चुकी थी कि इस बोर्ड की वजह से गड़बड़ी की गई है और यही गड़बड़ी का खुलासा करेगा तो अफसरों ने बोर्ड से निर्माण की तारीख और परफॉर्मेंस गारंटी की तारीख ही मिटा दी।




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    पहले बोर्ड पर निर्माण और परफॉर्मेंस गारंटी की तारीख साफ लिखी है, लेकिन बाद में इसे मिटा दिया गया।




    द सूत्र ने किया स्टिंग ऑपरेशन



    अफसर आरपी गुप्ता से बात करने से पहले बोर्ड पर निर्माण की तारीख और परफॉर्मेंस गारंटी की तारीख साफ-साफ लिखी हुई है और गुप्ता से बात करने के बाद बोर्ड से ये दोनों तारीख मिटा दी गई। अब इस कारनामे के बाद आरपी गुप्ता से मुलाकात करना बेहद जरूरी हो गया क्योंकि यहां दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली नजर आ रही थी। द सूत्र संवाददाता अंकुश मौर्य जब आरपी गुप्ता के दफ्तर पहुंचे और पूछा कि परफॉर्मेंस गारंटी की सड़क का नया टेंडर क्यों जारी हुआ ये तो जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है तो अफसर ने कैमरे के सामने कुछ नहीं कहा लेकिन जो बातचीत हुई वो द सूत्र ने खुफिया कैमरे में रिकॉर्ड की।



    स्टिंग - 1




    • रिपोर्टर - सर एक बाइट दे दीजिए।


  • आरपी गुप्ता - वो रहने दो यार, आप क्या चाह रहे हो ये बताओ?

  • रिपोर्टर - मैं कुछ नहीं चाह रहा, मेरी तो खबर है, आप बस बाइट दे दीजिए, सड़क बनवा रहे हैं तो।

  • आरपी गुप्ता - बाइट रहने दो, आप समझा करो, सबकुछ जानने के बाद भी ऐसी बात कर रहे हो।



  • अब जब आरपी गुप्ता ने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया तो संवाददाता अंकुश मौर्य ने उस बोर्ड की तस्वीर आरपी गुप्ता को दिखाई जिस पर परफॉर्मेंस गारंटी की तारीखें लिखी और बाद में मिटा दी गई तो इस कारनामे पर आरपी गुप्ता का जवाब।



    स्टिंग - 2




    • रिपोर्टर - देखिए आप ये वो बोर्ड है, जिस पर निर्माण और परफॉर्मेंस गारंटी की तारीखें लिखी हुई हैं।


  • आरपी गुप्ता - इसकी 44 साल की गारंटी थी, गलती से लिखा गया होगा। एग्रीमेंट में 4 साल लिखा है।

  • रिपोर्टर - आप एग्रीमेंट दिखा दीजिए। आपसे फोन पर बात करने के बाद बोर्ड पर से तारीखें खुरच दी गई हैं।

  • आरपी गुप्ता - मैंने एसडीओ से बोला था, कन्फ्यूजन हो रहा था इसलिए तारीखें मिटवा दी हैं। फिर से लिखवा देंगे।

  • रिपोर्टर - आप एग्रीमेंट दिखा दीजिए।

  • आरपी गुप्ता - आपको हमारी परेशानी तो मालूम ही है ना।



  • आरपी गुप्ता ने किया मंत्री का जिक्र



    आरपी गुप्ता से और बातचीत की और पूछा कि नई सड़क क्यों बनवा रहे हैं। वो भी नए ठेकेदार से तो गुप्ता ने मंत्रीजी का हवाला देते हुए कहा कि मंत्रीजी के कहने पर सड़क बना देते हैं। दरअसल, ओल्ड सुभाष नगर का एरिया मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग के विधानसभा क्षेत्र में आता है और जब द सूत्र की टीम सड़क की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर रही थी। उस वक्त मंत्री विश्वास सारंग का एक बोर्ड नजर आया जिस पर लिखा था मंत्री विश्वास सारंग द्वारा सड़क का निर्माण कराया गया और गुप्ता ने भी बातचीत में मंत्रीजी का जिक्र किया।



    स्टिंग - 3




    • आरपी गुप्ता - मंत्री कहते हैं, उस रोड को बनवा देते हैं। मंत्री जी बताते रहते हैं, इस रोड को कर दो, उस रोड को बना दो, इस हिसाब से करना पड़ता है। चुनावी माहौल है इस समय, मालूम तो है आपको।


  • रिपोर्टर - कितने की लागत से बना रहे हैं, सुभाष नगर और गौतम नगर की रोड।

  • आरपी गुप्ता - पूरे एरिया का टेंडर रहता है, एक-एक रोड का नहीं बता पाएंगे। मंत्री जी जो कह देते हैं, वो करते हैं। मंत्री जी के हिसाब से ही काम होता है।



  • आरपी गुप्ता ने की रिश्वत की पेशकश



    अब इतनी सारी बातचीत होने के बाद ये तो साफ हो गया कि आरपी गुप्ता केवल बहलाने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए द सूत्र ने सीधे ठेकेदार गणेश सिंह का नंबर मांग लिया और जैसे ही नंबर मांगा आरपी गुप्ता ने रिश्वत की पेशकश कर दी।



    स्टिंग - 4




    • रिपोर्टर - सर ठेकेदार गणेश सिंह का नंबर दे दीजिए।


  • आरपी गुप्ता - आप तो ये खत्म करो, आपको क्या चाहिए, हम व्यवस्था करा दे रहे।

  • रिपोर्टर - मुझे कुछ नहीं चाहिए।

  • आरपी गुप्ता - क्यों इतना लंबा खीच रहे हो। ऐसा मत करो यार, हमारी भी मजबूरियां रहती हैं। ठेकेदारों का आपस में टाइअप रहता है। एक-दूसरे से सड़कें रिपेयर कराते रहते हैं।

  • रिपोर्टर - एक-दूसरे से काम करवाना ठीक है, लेकिन गारंटी पीरियड की सड़क के लिए आपने नया टेंडर निकालकर काम कराया है ना।

  • आरपी गुप्ता - इधर-उधर की खबरें छाप देना, इसको छोड़ो।



  • ( आरपी गुप्ता रुपयों से भरा लिफाफा देने की कोशिश करते हैं )




    • आरपी गुप्ता - रख लो, हमारी तरफ से रख लो।


  • रिपोर्टर - नहीं सर, ये नहीं चाहिए।

  • आरपी गुप्ता - क्या हुआ, क्या हुआ।



  • इसके बाद द सूत्र की टीम खबर के साथ कोई समझौता न करते हुए आरपी गुप्ता के कैबिन से बाहर आ गई।



    वीडियो देखने के लिए क्लिक करें.. The Sootr ने किया बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश! कैसे लगाया जा रहा है टैक्सपेयर के पैसों को ठिकाने?



    शैपर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला 3 करोड़ का नया टेंडर



    शैपर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी को जो नया टेंडर मिला है वो 3 करोड़ रुपए का है और इस टेंडर में ओल्ड सुभाष नगर की सड़क के साथ-साथ बाकी और सड़कों का निर्माण कार्य भी शामिल है। इस एक सड़क के निर्माण में हो रही धांधली से साफ समझ आ रहा है कि किस तरह से पीडब्लूडी सड़कों के निर्माण में टैक्सपेयर्स के पैसों को ठिकाने लगाता है।


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