पवन सिलावट, RAISEN. मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार का एक और नया मामला सामने आया है। दरअरसल, रायसेन के गोपालपुर से लेकर खरगावली पुलिया तक 32 करोड़ की लागत से बनने वाली 6 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। रहवासियों की शिकायत के बाद, पीडब्ल्यूडी ने दो एसडीओ सहित इंजीनियर पर कार्रवाई करते हुए उनको निलंबित कर दिया गया। लेकिन निर्माण कंपनी के ठेकेदार पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
भ्रष्ट अधिकारियों का होता है प्रमोशन
6 किमी सड़क निर्माण भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को फिलहान लोक निर्माण विभाग ने निलंबित कर दिया है, लेकिन रहवासियों का कहना है कि इन अधिकारियों का निलंबन नहीं, बल्कि प्रमोशन देने के लिए ऐसा किया जाता है। पिछले 10 सालों में एक भी अधिकारी दंडित नहीं हुआ,
बल्कि प्रमोशन पा गए हैं। हालांकि यह कार्रवाई लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह ने भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की है। कार्रवाई वाले अधिकारियों में मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग के संजय मस्के, सब इंजीनियर आरसी विटोरिया, एसडीओ परमजीत सिंह सब इंजीनियर को किया है।
स्वास्थ्य मंत्री का है ड्रीम प्रोजेक्ट
रायसेन के क्षेत्रीय विधायक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इस प्रोजेक्ट में बनने वाली फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वहीं अधूरे प्रोजेक्ट में विभाग ने भ्रष्टाचारियों को चुंगल में दबोच लिया। ज्ञात हो कि बीते दिनों पीडब्ल्यूडी विभाग के पीएस जब अपनी टीम के साथ सड़क की जांच करने पहुंचे तो सड़क निर्माण में उपयोग होने वाली खराब सामग्री का पर्दाफाश हुआ। हद तो तब हो गई जब पीएस के सामने ही ठेकेदार ने डामर की सड़क पर सीसी मटेरियल से पेच वर्क आनन-फानन में कर दिया गया।
इन पर हुई कार्रवाई
रायसेन फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टचार करने वालों के खिलाफ पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने कार्रवाई की है। जिसमें दो एसडीओ सहित दो सब इंजीनियर को निलंबित कर दिया है। वहीं, पीआईयू के सहायक यंत्री पीके झा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। निलंबन में पीआईयू के एसडीओ एके दुरापें और सब इंजीनियर आरके कासिब, एसडीओ परमजीत सिंह और सब इंजीनियर आरसी विटोरिया शामिल हैं।