BHIND. योगगुरु बाबा रामदेव सोमवार, 10 अप्रैल को भिंड जिले के लहार पहुंचे। बाबा यहां चल रही सात दिवसीय भागवत कथा में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे और मुसलमानों के पूर्वज एक ही थे। वे भले ही ना मानें, हम उन्हें अपना मानते हैं। भारत में औरंगजेब के आने के बाद ही मुसलमानों की संख्या बढ़ी है। इससे पहले सब हिंदू ही थे। साथ ही कहा कि मैं किसी दल विशेष का समर्थक नहीं हूं। मैं तो सिर्फ सनातन का समर्थक हूं।
जो सनातन के प्रति निष्ठा रखे उसे सपोर्ट करो
बाबा रामदेव ने कहा कि बाबा को राजनीति से क्या लेना देना, कोई एमपी बने, कोई एमएलए, सीएम या पीएम बने, हमारी फकीरी को कोई चुनौती नहीं दे सकता है। हम फकीर आदमी हैं। हमको किसी से क्या लेना-देना, लेकिन सत्ता में भी जो सनातन धर्म के प्रति निष्ठा रखता हो उसी को सपोर्ट करो, बाकी सभी को मोक्ष करो। साधना में सिद्धियों में पंडोखर सरकार पर हनुमानजी की बहुत बड़ी कृपा है। शक्तियों के नाम पर भी देश में बहुत पाखंड चलता है, लेकिन भगवान की कृपा से अनेक को असली वाली शक्ति मिली है। लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि बुरे लोगों का हम पर शासन नहीं होना चाहिए।
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मुसलमानों के और हमारे पुरखे एक ही
बाबा रामदेव ने कहा कि सनातन सत्य ही शाश्वत है। एक ने मुझसे पूछा कि इन मुसलमानों का क्या होगा। मैं जब आया तो कुछ मुसलमान भी प्रणाम कर रह थे। मैंने कहा कि मुसलमान आज ही मुसलमान हैं। 99 फीसदी मुसलमान औरंगजेब के बाद बने हैं। 350-400 साल पहले इनके पुरखे और हमारे पुरखे एक ही थे। कोई मुसलमान ज्यादा तेजी से अकड़े तो उससे कहना कि अपने खून को याद कर ले, हम पर मत गुर्रा हम-तुम एक ही हैं। वो मानें या न मानें, हम तो मुसलमानों को मानते हैं कि वे हमारे ही पूर्वजों की औलाद हैं। वक्त के साथ उनकी पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन पूर्वज अलग नहीं हो सकते।
ईसाई और मुसलमान सब अपने
बाबा रामदेव ने कहा कि यहां कोई ईसाई वैटिकन सिटी या यूरोप से आए हैं क्या? हमारे जैसा उनमें खून है, चमड़ी का रंग एक है। हमारे ही कुल वंश के हैं। जो ईसाई और मुसलमान भारत में रह रहे हैं, ये सब अपने ही हैं। कोई कुछ गलत करेगा तो प्रशासन अपना काम करेगा, लेकिन हम किसी से नफरत नहीं करते हैं।
नशामुक्ति का संकल्प दिलाया
योगगुरु रामदेव ने कहा कि बच्चों को भी धर्म ग्रंथों की शिक्षा जरूर दें। उन्हें रामायण, महाभारत, गीता, उपनिषद पढ़ाएं। बच्चों को अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, विज्ञान सब पढ़ाएं। उसमें भारतीय शिक्षा जरूर पढ़ाएं। शराब, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट से दूर रहें। नशे से दूर रहें। जो भी नशा करता हो अपना नशा बाबा की झोली में डाल दें। सभी इसका संकल्प लें।
भारत की दो ही परंपरा हैं- कृषि और ऋषि
बाबा ने मंच से भजन भी सुनाया और योग भी किया। लोगों से कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित योग करें। भारत की दो ही परंपरा हैं- कृषि और ऋषि। हमने कुछ मुद्दे उठाए थे, राजनीतिक दृष्टि से देश आजाद हो गया। अभी शिक्षा, आर्थिक, वैचारिक और चारित्रिक गुलामी से देश को आजाद कराना है। तो कुछ लोग हमारे पीछे पड़ गए। आज उनके हालात ये हैं, कोई नाम लेवाल नहीं बचा है। जो धर्म के विरुद्ध आचरण करेगा उसका विनाश निश्चित है। यही विधान है। रामदेव किसी को श्राप नहीं देता है।
बाबा रामदेव ने स्वीकारा लोगों का अभिवादन
बाबा रामदेव हेलीकॉप्टर से सोमवार,10 अप्रैल को दोपहर करीब एक बजे लहार की कृषि उपज मंडी परिसर में बने हैलीपेड पर पहुंचे। यहां से बाबा ने जीप में खड़े होकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद वह भागवत कथा में शामिल होने के लिए रवाना हुए। कथा स्थल पर उन्होंने व्यासपीठ का पूजन कर कथावाचक चिन्मयानंद बापू से चर्चा की। इससे पहले बाबा रामदेव आयोजक अंबरीश शर्मा गुड्डू भैया के निवास पर पहुंचे। पंडोखर धाम के महंत गुरुशरण महाराज भी लहार पहुंचे। उन्होंने भी बाबा रामदेव से मुलाकात की।