UDAIPUR. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के निमंत्रित सदस्य और वरिष्ठ प्रचारक हस्तीमल हिरण का उदयपुर में शनिवार को सुबह निधन हो गया। उन्होंने 77 साल की उम्र आखिरी सांस ली। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनका मुख्यालय उदयपुर था। हस्तीमल हिरण ने उदयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय 'केशव निकुंज' में अंखिरी सांस ली। उन्होंने देहदान का संकल्प लिया था।
हस्तीमल हिरण का भोपाल से रहा नाता
अंतिम दर्शन के लिए हस्तीमल हिरण की पार्थिव देह शाम 5 बजे तक उदयपुर के शिवाजी नगर के संघ कार्यालय केशव निकुंज में रखी गई। इसके बाद देहदान के लिए उनकी पार्थिव देह को रवीन्द्रनाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय उदयपुर ले जाया गया। हस्तीमल हिरण का केंद्र 20 साल तक भोपाल रहा।
किशोरावस्था में ही संघ के स्वयंसेवक बन गए थे हिरण
वरिष्ठ प्रचारक हस्तीमल हिरण का जन्म राजसमंद जिले में चंद्रभागा नदी के तट पर आमेट कस्बे में हुआ। वे मेधावी छात्र थे। 1964 में आमेट से हायर सेकंडरी पास करने से लेकर 1969 में संस्कृत में एम.ए. करने तक प्रथम श्रेणी प्राप्त की। बी.ए. तक मेरिट स्कॉलरशिप और एम.ए. में नेशनल स्कॉलरशिप प्राप्त की। वे किशोरावस्था में ही संघ के स्वयंसेवक बन गए थे। हायर सेकंडरी के बाद उन्होंने नागपुर में संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण प्राप्त किया और प्रचारक हो गए।
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आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे हस्तीमल हिरण
अगले एक दशक तक उदयपुर में संघ के विभिन्न उत्तरदायित्वों सहित जिला प्रचारक रहे। 1974 में वे जयपुर भेजे गए। आपातकाल के बाद अगले 23 सालों तक जयपुर में केंद्र बना रहा। आपातकाल के दौरान वे जेल भी गए। हस्तीमल हिरण विभाग प्रचारक, संभाग प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक, प्रांत प्रचारक, सह क्षेत्र प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक रहे। जुलाई 2000 में सह बौद्धिक प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। 2004 से 2015 तक अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रहे। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े रहे। राजस्थान में लगभग 4 दशक तक प्रचारक रहने के दौरान उन्होंने अनुशासन, अध्ययन, पारदर्शिता, दृढ़ निश्चय और गांव-गांव तक संघ कार्य विस्तार पर किया।