आमीन हुसैन, RATLAM. रतलाम जिला न्यायालय में आज सेशन कोर्ट के द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. आनंद राय और जयस के प्रदेश संरक्षक डॉ. अभय ओहरी सहित तीन अनिवेश पदाधिकारियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। पुलिस की तरफ से गिरफ्तार सभी 5 आरोपियों पर आज धारा-333 का इजाफा किया गया। इस धारा के अंतर्गत कोई भी शासकीय कर्मी जो अपने कर्तव्य पर हो उस दौरान उसे गंभीर चोट पहुंचाई जाए तो 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।
पुलिस की जांच को प्रभावित कर सकते हैं आरोपी
विशेष लोक अभियोजक के द्वारा आज इस धारा के अंतर्गत और लगाई गई अन्य धाराओं के अंतर्गत जमानत को निरस्त करने का न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा गया और बताया गया कि गिरफ्तार आरोपियों को यदि जमानत दे दी जाती है, तो ये पुलिस की जांच को प्रभावित कर सकते हैं। क्योंकि मामला अभी अनुसंधान में है इसलिए इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
धारा में इजाफा करना सही नहीं-आरोपी
वहीं फरियादियों के वकील का कहना है कि पुलिस के द्वारा जो धारा में इजाफा किया गया है वो सही नहीं है। क्योंकि जिस गनमैन के नाक पर चोट लगी है वो सिर्फ एक साधारण सी पट्टी नाक पर लगाकर चित्रों में दिखाई दे रहा है। उसे फ्रैक्चर जैसी कोई चोट नहीं पहुंची है। जबकि पुलिस के द्वारा ऐसा बताया जा रहा है, अब फरियादी पक्ष हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करेगा। विशेष लोक अभियोजक का कहना है कि वो इसका पुरजोर विरोध करेंगे और पुलिस अनुसंधान में पाए गए साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष रखेंगे। आपको बता दें कि 5 आरोपियों में से एक आरोपी डॉ. अभय ओहरी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जिला चिकित्सालय के सीसीयू में भर्ती किया गया है।
जमानत याचिका के पहले डॉ. ओहरी की तबीयत बिगड़ी
गिरफ्तार आरोपियों में प्रमुख रूप से आरटीआई एक्टिविस्ट डॉक्टर आनंद राय डॉ अभय ओहरी और 3 जयस के नेता शामिल थे। जेल भेजने के बाद न्यायालय में जमानत के लिए सुनवाई रखी गई। लेकिन जमानत याचिका के पहले ही जयस के प्रदेश संरक्षक डॉ अभय ओहरी की जेल में तबीयत खराब हो गई। इसके चलते उन्हें कोर्ट के आदेश पर रतलाम के जिला अस्पताल के कार्डियक केयर यूनिट में भर्ती किया है। पुलिस ने पूरे मामले में सरकारी काम में बाधा डालने, पथराव बलवा और कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
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