BHOPAL. राजनीति की भी अजीब रवायत है। एक पार्टी में डकैती के आरोपी नेताजी दूसरी पार्टी में आकर नीट एंड क्लीन हो गए। इतना ही नहीं उनको कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिला। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस से विधायक बने रघुराज कंसाना की जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी में कंसाना विधायकी का चुनाव तो हार गए, लेकिन पार्टी उन पर इतनी मेहरबान हुई कि उनको एक निगम की कमान सौंप दी और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया।
सभी आरोपों से मुक्त हुए कंसाना
हैरानी की एक और अहम बात है। जिस बीजेपी सरकार ने कंसाना पर 307, हथियार लेकर थाने में घुसना और डकैती उन्मूलन जैसी गंभीर धाराएं लगाई थीं, उसी सरकार ने हाल ही में उनको सभी आरोपों से मुक्त कर साफ-सुथरा कर दिया। कमलनाथ सरकार ने ये कोशिश की थी तब विधि विभाग ने अपने आरोप हटाने पर साफ मना कर दिया था।
कंसाना ने पुलिस को पीटा था
रघुराज सिंह कंसाना ने साल 2012 में मुरैना कोतवाली थाने पर हथियारों के साथ हमला कर एक आरोपी को छुड़ा लिया था। तब थाने पर फायरिंग कर पुलिसकर्मियों की पिटाई भी लगा दी थी। तत्कालीन शिवराज सरकार ने कड़ी कार्रवाई की और रघुराज सिंह कंसाना और उनके साथियों के खिलाफ डकैती, हत्या का प्रयास, अपहरण, शासकीय कार्य में बाधा डालने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।
वक्त का पहिया घूमा तो कंसाना की किस्मत चमकी
वक्त का पहिया घूमा तो रघुराज कंसाना ने अवसर की राजनीति की गंगोत्री में डुबकी लगा ली। साल 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रघुराज सिंह कंसाना को मुरैना से कांग्रेस का टिकट दिलाया। कंसाना चुनाव जीतकर विधायक बन गए। कमलनाथ ने डकैती के आरोपी को माननीय बना दिया। सिंधिया के दबाव में कमलनाथ सरकार के समय रघुराज सिंह कंसाना पर दायर एफआईआर वापस लेने कवायद शुरू हुई, लेकिन 3 मार्च 2020 को विधि विभाग ने साफ लिख दिया था कि विधायक कंसाना का अपराध गंभीर है। इसे जनहित में वापस नहीं लिया जा सकता। मुश्किल में फंसे कंसाना की किस्मत मार्च 2020 में चमक गई। सिंधिया के साथ कांग्रेस से बगावत करके रघुराज सिंह कंसाना बीजेपी में आ गए। बीजेपी ने उपचुनाव में टिकट दिया, लेकिन वे उपचुनाव हार गए। सिंधिया के दबाव के चलते उनके सभी हारे हुए समर्थकों को निगम अध्यक्ष बनाया गया। रघुराज सिंह कंसाना को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया गया।
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रघुराज कंसाना अब नीट एंड क्लीन
अब अवसर की राजनीति की गंगोत्री में डुबकी लगाने के बाद पवित्र होने की प्रक्रिया शुरू हो गई। कंसाना के बीजेपी में आते ही जनहित में प्रकरण वापस लेने की फाइल दौड़ने लगी। विधि विभाग इस मामले में पहले ही आपत्ति जता चुका था। इसी महीने अप्रैल में ये फाइल गृह विभाग में दौड़ने लगी। 18 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने गृह मंत्री को प्रकरण वापस लेने का प्रस्ताव भेजते हुए निर्णय लेने का निवेदन किया। अगले दिन 19 अप्रैल को गृह मंत्री ने जनहित में रघुराज सिंह कंसाना के आपराधिक प्रकरण वापस लेने पर सहमति दे दी है और रघुराज कंसाना नीट एंड क्लीन हो गए।