GWALIOR: वन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि खदानों को कैसे गैर-कानूनी ढंग से नुकसान पहुंचा रहे है माफिया

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Dev Shrimali
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GWALIOR: वन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि खदानों को कैसे गैर-कानूनी ढंग से नुकसान पहुंचा रहे है माफिया



GWALIOR. मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में अवैध उत्खनन रुकने का नाम नही ले रहा है। सबसे हैरत की बात ये है... जिन पर जंगलों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है, वही अफसर इसे रोकने में नाकामयाब साबित हुए है। इस बात का खुलासा खुद फॉरेस्ट विभाग के सीसीएफ के उड़नदस्ते की जांच में हुए हैं। जिसके बाद इस मामले में मुरैना के तत्कालीन डीएफओ अमित बसंत निकम, एसडीओ देवेंद्र सिंह, रेंजर दीपांकर सिंह सहित डिप्टी रेंजर, वनरक्षक को आरोप पत्र दिया है।





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जंगल के रखवाले वनों की सुरक्षा के दावे ही करते रहे और माफिया ने चंबल नदी अभयारण्य, सोनचिरैया अभयारण्य ओर आरक्षित जंगलों से 31478.43 घन मीटर वन संपदा निकालकर बाजार में बेच दी। इसकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपए है। यह खुलासा उत्खनन की शिकायतों के बाद बनाए गए उड़नदस्ते की जांच में हुआ है। वन संरक्षक कार्यालय से इस मामले में मुरैना के तत्कालीन डीएफओ अमित बसंत निकम,एसडीओ देवेंद्र सिंह, रेंजर दीपांकर सिंह सहित डिप्टी रेंजर, वनरक्षक को आरोप पत्र दिया गया  है।





यही हाल ग्वालियर के सोनचिरैया अभयारण्य के डांडा खिरक और जखौदी में मिले अवैध फर्शी पत्थर उत्खनन क्षेत्र का है  । जांच के बाद इस क्षेत्र के  वन रक्षक, डिप्टी रेंजर और रेंजर को आरोप पत्र भेजा गया है। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर अफसर और स्टाफ के वेतन से राशि की कटौती की जाएगी। जांच में टीम ने फर्शी पत्थर और चंबल नदी से निकाली गई रेत की कीमत 3,99,72,148 रुपए आंकी है। वहीं सोनचिरैया अभयारण्य क्षेत्र की जखौदी बीट में 11 नए गड्ढों के लिए जंगल की सफाई जेसीबी से हुई। इस दौरान पेड़ कटे और जंगल की मिट्टी आदि मटेरियल को नुकसान पहुंचा। यह करीब 992.75 घनमीटर बताया जा रहा है। हांलकि अब इस मामले को लेकर राजनीति भी होने लगी है। कांग्रेस जहां सत्ताधारी दल पर गैर कानूनी उत्खनन करने का आरोप लगा रही है वही बीजेपी इस पर अंकुश लगने का दावा कर रही है





ऐसे किया खनन



- मुरैना-श्योपुर- चंबल नदी में श्योपुर-सबलगढ़ के बीच के घाटों से रेत का अवैध उत्खनन हुआ। ये उत्खनन बड़ोदिया घाट, राजौरारुडी घाट, दांतरदा ऊंचाखेड़ा घाट, खिरखिरी घाट, बरोली घाट,



नदी गांव (काऊ का पुरा) घाट, नदी गांव घाट, बरोली रिजेटा घाट, मंडू की सांड (टापू) घाट पर वन विभाग के स्टाफ की मिली भगत से अवैध रेत निकाली गई। 1,73,78,582 राशि का नुकसान।



- मुरैना जिले की शनीचरा बीट और मवई बीट में अवैध उत्खनन वन कक्ष क्रमांक- पी-15,पी-16, 32,28 और 30 में हुआ। श्योपुर-सबलगढ़ रेंज- 1,80,79,340 की राशि का नुकसान।



- ग्वालियर-  सोनचिरैया अभयारण्य घाटीगांव की गेमरेंज में आने वाले डांडाखिरक वन कक्ष क्रमांक 434, 435 और 436 से अ‌वैध फर्शी पत्थर निकाला गया। जखौदी के वन कक्ष क्रमांक 431 से 11 गड्ढों



में नया उत्खनन मिला। 2,18,123 की राशि का नुकसान।







बहरहाल ग्वालियर और मुरैना वन मंडल के क्षेत्र के जंगल की जांच उड़नदस्ता से कराई गई है। जिसमें.... चंबल नदी में रेत, शनीचरा और सोनचिरैया अभयारण्य में अवैध उत्खनन मिला है। आरोप पत्र बनाकर वन मंडल को पहुंचा दिए गए हैं। ऐसे में... अब जांच में मुरैना के तत्कालीन डीएफओ सहित एसडीओ, रेंजर और ग्वालियर के वन रक्षक से लेकर रेंजर तक शामिल हैं। वन हानि की राशि इनके वेतन से काटने की विभाग की और कार्यवाही की जाएगी



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