आमिर खान, TIKAMGARH. प्रदेश में हो रहे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव (Panchayat and urban body elections) में क्या इस बार राजनीतिक दुश्मनी भी निकाली जा रही है। ये सवाल टीकमगढ़ से उठा है जहां कांग्रेस (Congress) नेता और पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह (former minister Yadavendra Singh) ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी दल के दबाव में पुलिस, जिला पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवारों को डराने-धमकाने में जुटी है। उनके खिलाफ पुलिसिया हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। टीकमगढ़ नगर पालिका में पार्षद का चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी के घर पर राजनीतिक दुर्भावना के चलते आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग ( ईओडब्ल्यू) का छापा मारा गया है। इसके पीछे बीजेपी (BJP) के स्थानीय विधायक राकेश गिरी (MLA Rakesh Giri) का नाम लिया जा रहा है।
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ईओडब्ल्यू ने दस्तावेजों को खंगाला
टीकगमढ़ के वार्ड नंबर 7 से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मण रैकवार (Laxman Raikwar) के घर पर ईओडब्ल्यू की टीम ने पिछले बुधवार ( 22 जून) को अचानक छापा मारा। ईओडब्ल्यू की टीम सुबह-सुबह रैकवार के घर पहुंची और उनकी चल-अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने में जुट गई। बताया गया कि ईओडब्ल्यू ने ये कार्रवाई उनके खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति जुटाने की शिकायत पर की गई। लेकिन लक्ष्मण रैकवार ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि ये सब बीजेपी विधायक राकेश गिरी के इशारे पर राजनीतिक दुश्मनी निकालने के लिए किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल
आपको बता दें कि ये वही लक्ष्मण रैकवार हैं जिन्होंने बीजेपी विधायक राकेश गिरी की पत्नी और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी गिरी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस हाईकोर्ट में दर्ज करवाया था। उनका आरोपा था कि लक्ष्मी गिरी ने जाति के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नगर पालिका का चुनाव लड़ा था। इस मामले में कोर्ट ने लक्ष्मी गिरी को कोर्ट में पेश होने के लिए पिछले साल दिसंबर में समन जारी किया था। लेकिन टीकमगढ़ पुलिस बताती रही कि लक्ष्मी गिरी फरार हैं। लेकिन जब लक्ष्मी गिरी की मुख्यमंत्री के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुई तो कोर्ट ने पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने लक्ष्मीगिरी को राहत दे दी।
कांग्रेस का गंभीर आरोप
हाईकोर्ट के फैसले के बाद लक्ष्मण रैकवार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया। रैकवार ने ये आरोप भी लगाया है कि उन्होंने विधायक राकेश गिरी और उनके भाई की टीकमगढ़ शहर की लाइफ लाइन माने जाने वाले महेंद्र सागर तालाब से करोड़ों रुपयों की मुरम के अवैध खनन की शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में की थी। जिसके चलते प्रशासन को अवैध खनन रोकना पड़ा। इससे हुए बड़े आर्थिक नुकसान से चिढ़कर उनके और परिजनों के खिलाफ ईओडब्ल्यू की कार्रवाई कराई गई है। टीकमगढ़ के पूर्व कांग्रेस विधायक यादवेंद्र सिंह ने भी बीजेपी नेताओं पर इसी तरह के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक दुश्मनी के चलते पुलिस कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से धारा 188 की कार्रवाई कर रही है। ये सब उन्हें डराने और धमकाने के लिए किया जा रहा है। टीकमगढ़ की पुलिस विधायक के एजेंट की तरह काम कर रही है।
द सूत्र के संवाददाता ने कांग्रेस नेताओं के आरोपों के बारे में विधायक राकेश गिरी से बातचीत करने की कोशिश की। मोबाइल फोन पर गिरी ने व्यस्तता का हवाला देते हुए थोड़ी देर बाद बात करने का भरोसा दिया लेकिन बाद में कई बार राकेश गिरी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन कॉल रिसीव ही नहीं किया। फोन पर मैसेज भेजने के बाद भी उन्होंने जवाब नहीं दिया। इससे साफ है कि बीजेपी विधायक अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बारे में कोई सफाई नहीं देना चाहते।