बच्चों के विकास के शुरुआती वर्षों में निवेश ही सतत और टिकाऊ आर्थिक विकास की नींव, थिंक-20 में जी-20 को आरआईएस-यूनिसेफ की सिफारिश

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Sunil Shukla
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बच्चों के विकास के शुरुआती वर्षों में निवेश ही सतत और टिकाऊ आर्थिक विकास की नींव, थिंक-20 में जी-20 को आरआईएस-यूनिसेफ की सिफारिश

BHOPAL. जी-20 की भारत की अध्यक्षता दुनियाभर में बच्चों की सेहत, शिक्षा और विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ हम सभी के लिए सतत और टिकाऊ विकास के लिए जरूरी परिवर्तन को प्रेरित करने का एक अनूठा अवसर है। यह तभी संभव हो सकता है जब हर इंसान एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना में तकनीक और हरित-नेतृत्व आधारित आर्थिक वृद्धि ( green-led economic growth) और विकास का हिस्सा हो। ये सिफारिशें राजधानी में आयोजित थिंक-20 (टी-20) के दो दिवसीय सम्मेलन में विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) और यूनिसेफ के संयुक्त पैनल ने की हैं।



मानवता के बेहतर कल के लिए आज बच्चों में निवेश जरूरी



दो दिवसीय सम्मेलन के नतीजों को साझा करते हुए आरआईएस के महानिदेशक सचिन चतुर्वेदी ने कहा, "विकास परिवर्तन (डेवलपमेंट ट्रांसफॉर्मेशन) के दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता है, जो विकास में महिलाओं की भूमिका को पहचानें। महिला उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। अभी तक बच्चों के विकास के लिए जरूरी निवेश को वह प्राथमिकता और ध्यान नहीं मिला है जिसके वे हकदार हैं। इसके लिए हमने पोषण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जैसे व्यापक G-20 विचार-विमर्श को सूचित करने के लिए थिंक-20 में विचार विमर्श की प्रक्रिया में बच्चों के विशिष्ट मुद्दों को प्राथमिकता दी है। इसके लिए जरूरी है कि जी-20 ग्रुप दुनिया में मानवता के बेहतर कल के लिए आज बच्चों के अपेक्षित विकास में निवेश करे।



विकास का नया मॉडल भारत की अगुवाई में सामने आएगा



मीडिया से बात करते हुए दक्षिण एशिया में यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया-अदजेई ने कहा कि जी-20 का विजन “एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य है।" इसके लिए व्यक्तियों और राष्ट्रों की मानसिक शक्ति या ज्ञान की क्षमताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। हम जानते हैं कि बचपन और किशोरावस्था में निवेश समावेशी आर्थिक विकास का एक शक्तिशाली चालक हो सकता है। दुनिया में ज्ञान आधारित विकास को आगे बढ़ाने के लिए विकास के लिए एक नए मॉडल की आवश्यकता है। हमें भरोसा है कि जी-20 की अगुवाई में भारत के साथ यह नया मॉडल जरूर सामने आएगा।



सम्मेलन में आरआईएस-यूनिसेफ के पैनल की सिफारिशें



सम्मेलन में बच्चों में निवेश : भविष्य में निवेश विषय पर आरआईएस-यूनिसेफ के संयुक्त पैनल ने जी-20 के लिए निम्न नीतिगत सिफारिशें की हैं




  • बचपन के शुरुआती वर्षों में निवेश का महत्व। दुनिया में कई प्रमाणों से पता चलता है कि बच्चों के जीवन के शुरुआती वर्षों से जुड़े मुद्दों पर निवेश करने से उच्चतम और सबसे समावेशी आर्थिक विकास प्राप्त करने के लिए ज्ञान आधारित पूंजी को बढ़ावा मिल सकता है।


  • बच्चों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा लाभों में निवेश करना, जिसमें परिवार के अनुकूल नीतियां शामिल हैं, विशेष रूप से बचपन के शुरुआती वर्षों में।

  • तकनीकी-संचालित और हरित-नेतृत्व वाले विकास सहित 21वीं सदी के रोजगार बाजार में संक्रमण के लिए डिजिटल साक्षरता सहित किशोरावस्था के कौशल का निर्माण करने की आवश्यकता है।

  • 21वीं सदी के रोजगार बाजार के लिए डिजिटल साक्षरता सहित किशोरावस्था वर्ग के कौशल का निर्माण करने पर जोर देना। 

  • जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों एवं चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान तैयार करने में युवाओं की भागीदारी और कार्रवाई सुनिश्चित करना।


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