बिजली बिल भुगतान का आरटीजीएस घोटाला, बड़े पैमाने पर हो रही जांच, बिजली कंपनी में मचा है हड़कंप

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
बिजली बिल भुगतान का आरटीजीएस घोटाला, बड़े पैमाने पर हो रही जांच, बिजली कंपनी में मचा है हड़कंप

Jabalpur. मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को सतना से चौंका देने वाली खबर मिली है। यहां धांधली का हाईटेक मामला उजागर हुआ है। जिसमें ऑनलाइन आरटीजीएस पेमेंट सिस्टम के जरिए बिल भरने वाले उपभोक्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। दरअसल जिन लोगों ने बिल का आरटीजीएस के जरिए भुगतान किया, उससे किसी और उपभोक्ता का बिल भर गया और जिसने बिल भरा था उसका बिल अगले महीने के बिल में जुड़कर आ गया। अब नवाचार कर करके खुद की पीठ थपथपा रही कंपनी का हाल काटो तो खून नहीं जैसा हो रहा है। सतना जिले में अब तक ऐसे 54 केस सामने आ चुके हैं। वहीं बिजली कंपनी ने भुगतान के इस सिस्टम पर रोक लगाने के साथ सभी जगहों पर जांच के निर्देश दिए हैं। 




एमपी में हाईटेक होती जा रही बिजली कंपनियों की सुविधाएं कब किसी के लिए दुविधा बन जाए, कहा नहीं जा सकता। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कंज्यूमर के लिए एक ऐसा ही संकट खड़ा हो गया हैं। दरअसल आरटीजीएस से बिल भुगतान में बड़े स्तर पर धांधली सामने आई है। भुगतान करने वाले वास्तविक उपभोक्ता की बजाय ऐसे उपभोक्ताओं के बिलों का भुगतान हो गया, जो कई महीनों से बिल की राशि जमा नहीं कर पा रहे थे। भुगतान  करने वाले कंज्यूमर के अगले महीने के बिल में जब बकाया राशि जुड़कर आई और बिजली दफ्तरों में जांच हुई तो यह बड़ा घोटाला निकला। 



 बिजली कंपनी मुख्यालय में हड़कंप 



यह कारगुजारी सतना जिले में सामने आई। एक के बाद एक जब कई उपभोक्ताओं की शिकायतें बिजली दफ्तरों तक पहुंची और उनके आईवीआरएस नंबर के आधार पर अंतिम बिल राशि के आरटीजीएस भुगतान का वैध ट्रांजेक्शन देखा गया तो बिजली विभाग के अकाउंट में संबंधित राशि किसी अन्य उपभोक्ता द्वारा किया जाना प्रदर्शित हुआ। इस बड़ी गलती या कहें उलटबासी की खबर जबलपुर पहुंच गई। मुख्यालय भी यह गड़बड़ी देख चकरा गया है। क्योकि आरटीजीएस के तहत भुगतान के दौरान जनरेट होने वाला यूटीआर नंबर का उपयोग एक उपभोक्ता के खाते में दो बार तक प्रदर्शित हो रहा है।




अधिकारियों का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं का पेमेंट अन्य दूसरे कंज्यूमर के खाते में जमा हुआ, उन दोनों के भुगतान संबंधी दस्तावेज परीक्षण के लिए बुलाए जा रहे हैं। जिससे यह पता लग सके कि ऑनलाइन यूटीआर नंबर की गड़बड़ी कहां से हुई। 



कियोस्क सेंटर की भी होगी पड़ताल



जांच के दायरे में बिजली विभाग का आईटी डिपार्टमेंट तो है ही, इसके अलावा कियोस्क सेंटर के लेन-देन के दस्तावेजों को भी देखा जाएगा। शक है कि इस तरह के कॉमन सर्विस सेंटर से डाटा लीक हुआ और यूटीआर का इस्तेमाल दूसरे खातों में किया गया हो। बता दें कि जितने भी मामले संदिग्ध है वह सभी इसी साल अगस्त के बाद के हैं।




Jabalpur News जबलपुर न्यूज RTGS scam of electricity bill payment there is a stir in the electricity company someone paid the bill; Someone's lost बिजली बिल भुगतान का आरटीजीएस घोटाला बिजली कंपनी में मचा है हड़कंप बिल भरा किसी ने; भर किसी का गया बड़े पैमाने पर हो रही जांच