Damoh. दमोह में दो दिन पहले हुए मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह सम्मेलन में दुल्हन को घटिया सामग्री वितरित की गई थी। जिसकी शिकायत आयोजन में मौजूद लोगों ने दर्ज कराई थी। रविवार को सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर सामग्री की जांच की साथ ही दमोह एवं पथरिया के जनपद सीईओ, सामग्री सप्लायर एवं हितग्राहियों सहित जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर सभी के सामने सामग्री की गुणवत्ता की जांच की। जिसमें से कुछ आइटम घटिया किस्म के पाए गए जिन्हे वापस करने के लिए कहा गया और पथरिया व दमोह जनपद सीईओ पर कार्रवाई करने की बात भी कही गई।
इस दौरान कलेक्टर एसकृष्ण चौतन्य, पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार, जिला पंचायत के सीईओ अजय श्रीवास्तव व अन्य अधिकारी सहित हितग्राही मौजूद रहे। कमिश्नर ने हितग्राहियों की उपस्थिति में वितरित की गई एक-एक सामग्री की जांच एवं गुणवत्ता की पहचान की गई। इस दौरान उन्होंने उपस्थित हितग्राहियों से भी सामग्री के संबंध में विस्तृत जानकारी लेते हुए एक-एक सामग्री पर निर्णय लिया। जहां वितरित की गई सामग्री में टेबिल, कुर्सी,विस्तर, जेवरात ,बर्तन आदि की गुणवत्ता सही पाई गई। वहीं दूसरी ओर टेबिल फैन, घड़ी एवं साड़ी वितरण में की गई अनियमितताओं के कारण इन सभी तीनों सामग्रियों को निरस्त कर दिया गया।
बता दें सामग्री वितरण के दौरान समिति सदस्यों द्वारा वितरित की जाने वाली सामग्री में टेबल, कुर्सी, घड़ी, पंखा एवं बर्तनों पर आपत्ति उठाई गई थी। इस कारण से पंखा, बर्तन एवं दीवार घड़ी के साथ कुछ और सभी सामग्रियों का वितरण कर दिया गया था। इन सामग्रियों की गुणवत्ता के कारण इनका वितरण रोक दिया गया था, लेकिन शिकायत होने के बाद कमिश्नर मुकेश शुक्ला द्वारा इस बात की जांच की गई। जिसमें उपस्थित हितग्राही ललिता जाटव, विमला काछी, पवन साहू द्वारा साड़ियों पर आपत्ति दर्ज कराई गई उन्होंने कहा जो साड़ियां यहां पर सैंपल में दिखाई जा रही हैं, वह विवाह के दौरान वितरित नहीं की गई। जिस पर आयुक्त ने दीवार घड़ी एवं पंखा के साथ-साथ साड़ियों की सप्लाई को भी निरस्त कर दिया गया।
कमिश्नर द्वारा कलेक्टर एसकृष्ण चौतन्य को सभी सामग्रियों की गुणवत्ता एवं वितरण के बाद ही भुगतान करने के निर्देश दिए। वहीं दूसरी ओर जिन सामग्रियों को निरस्त किया है उन सभी सामग्रियों को जनपद कार्यालय में जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रत्येक सामग्री की जांच के बाद ही वितरण के निर्देश दिए। यह पहला अवसर है जब किसी अधिकारी द्वारा दो घंटे का समय किसी सामग्री के लिए व्यक्तिगत रूप से जांच के लिए दिया गया और प्रत्येक सामग्री की बिंदुवार जांच की गई। लापरवाही बरतने के कारण दमोह जनपद पंचायत के सीईओ विनोद जैन एवं पथरिया जनपद पंचायत के सीईओ आशीष अग्रवाल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।