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देव श्रीमाली, GWALIOR. होली और गुलाल का रिश्ता किसी से छुपा नहीं है, लेकिन केमिकल युक्त गुलाल की बिक्री बढ़ने से होने वाली बीमारियों के भय ने इसका उपयोग कम किया है। ग्वालियर के गौशाला में जैविक गुलाल बनाया गया है। ये जैविक गुलाल फूल,फल और गोबर की भस्मी से तैयार किए गए है और ये हाइजेनिक भी है। इस बार इसकी बहुत डिमांड है।
साइड इफेक्ट से बचने के लिए बनाया गुलाल
होली का त्योहार है और इसके लिए बाजारों में अलग-अलग तरह के गुलाल देखने को मिल रहे है। हालांकि इनमें से कुछ गुलाल ऐसे होते हैं, जो खतरनाक कैमिकल की मदद से तैयार होते है, जो शरीर पर बुरी तरह साइड इफेक्ट डालते हैं। इस समस्या से लोगों को बचाने के लिए ग्वालियर में स्थित मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी आदर्श गौशाला में ऐसे हर्बल गुलाल तैयार किए गए है, जो इन दिनों चर्चाओं में है। सबसे खास बात यह है कि आदर्श गौशाला में गाय के गोबर की भस्म से हर्बल गुलाल तैयार किया गया है। ये लोगों को बेहद पसंद आ रहा है और लोग इसे खरीदने के लिए साथ ही इसकी खासियत जाने के लिए पहुंच रहे हैं।
फल,फूल और हल्दी से तैयार किया यह हर्बल गुलाल
आदर्श गौशाला में हर्बल गुलाल तैयार करने वाली ममता सिंह ने बताया कि इस बार होली के त्यौहार पर गाय के गोबर की भस्म से एक अलग प्रकार का हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। गुलाल को बनाने के लिए गाय के गोबर के कंडे से पहले भस्म तैयार की जाती है और उसे बारीक छानकर उसमें अलग-अलग प्रकार के फूल मिलाए जाते हैं। उसके बाद हर्बल गुलाल तैयार होता है। यह गुलाब लोगों को काफी बेहद पसंद आ रहा है इसलिए इसकी डिमांड काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही पलाश के फूलों से भी हर्बल गुलाल काफी लोगों को पसंद आ रहा है। वहीं आदर्श गौशाला में हर्बल हल्दी को पीसकर भी गुलाल तैयार हो रहा है।
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चुकंदर,पलाश के फूल और हल्दी का गुलाल
आदर्श गौशाला में होली के त्यौहार पर चुकंदर और फूलों से अलग-अलग प्रकार के गुलाल तैयार किए जा रहे हैं। इनकी अनोखी खुशबू के साथ-साथ यह शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं डालता है और इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। होली के त्यौहार को देखते हुए आदर्श गौशाला में अलग-अलग प्रकार की गुलाल तैयार हो रहे हैं। इसमें चुकंदर का हर्बल गुलाल, पलाश के फूलों का गुलाल और हर्बल हल्दी से गुलाल बनाए जा रहे हैं। इन हर्बल गुलाल को खरीदने के लिए लोग वहां पर पहुंच रहे हैं। लोगों का कहना है कि होली के त्यौहार पर कई केमिकल युक्त गुलाल बाजार में आ रहे हैं, लेकिन यहां पर बनाया जा रहा गुलाल का पीस सुगंधित और पूरी तरह हर्बल है इसलिए इस हर्बल गुलाल को खरीदने के लिए आ रहे हैं।
ऐसे बनता है चुकंदर का गुलाल
इसके साथ ही पहली बार चुकंदर का हर्बल गुलाल भी यहां पर तैयार किया गया है। इस गुलाल का शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसे घर पर बनाने की विधि भी सिखाई जा रही है। चुकंदर का गुलाल बनाने के लिए उसे बारीक तरीके से पीसकर उसका जूस निकालते हैं और उसके बाद चुकंदर को सुखाने के लिए धूप में रख देते हैं। इसके बाद चुकंदर के जूस में स्टार्च को अच्छी तरीके से मिलाकर सुखाने के लिए रखते हैं। फिर उसकी चार बार बारीक पिसाई करते हैं। इसमें इत्र मिलाते हैं और उसके बाद चुकंदर का हर्बल गुलाल तैयार हो जाता है। वहीं पलाश के फूलों से भी हर्बल गुलाल घर बैठकर तैयार कर सकते हैं। पलाश के फूलों को अच्छी तरीके से सुखाकर उसका रस निकालते हैं। सूखे पत्तों को अच्छी तरीके से सूखते हैं। पलाश के फूलों के रस में स्टार्च मिलाते हैं। उसके बाद उसको अच्छे तरीके से धूप में रखते हैं। सूखने के बाद बारीक बेचते हैं और हर्बल गुलाल तैयार हो जाता है।
गुलाल खरीदने लोगों की उमड़ी भीड़
हर्बल गुलाल खरीदने आए लोगों का कहना है कि आदर्श गौशाला में पूरी तरह से हर्बल तरीके से गुलाल तैयार किया गया है। यह गुलाल काफी पसंद आ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि होली के त्यौहार पर ऐसे ऐसे केमिकल युक्त गुलाल और रंग आ रहे हैं, जो त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाते है। इसलिए आदर्श गौशाला में जानकारी मिली कि यहां पर पूरी तरह हर्बल गुलाल तैयार होता है। गौशाला का संचालन करने वाले महंत ऋषभ देव आनंद का कहना है कि यहां पर सबसे खास बात यह है कि यह गुलाल हर्बल के साथ-साथ गाय के गोबर की भस्म से भी तैयार हो रहा है, पूरी तरह प्राकृतिक है। लोगों को इस विधि से अपने घरों में गुलाल बनाकर इसका उपयोग करना चाहिए। हम लोग तो सिर्फ उन्हें बताने और सिखाने के लिए यह काम कर रहे हैं।