संजय गुप्ता, INDORE. कमोडिटी कारोबारी संदीप तेल (अग्रवाल) की 26 जनवरी 2019 में पांच गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में केबल कारोबारी रोहित सेठी को मुख्य आरोपी माना गया और वह जेल में हैं। इसके मुख्य शूटर जितेंद्र बना को रिमांड पर इंदौर लाई पुलिस के पास कई और नामों को खुलासा हुआ है। एक बार फिर इस हत्याकांड के तार भूमाफिया चंपू उर्फ रितेश अजमेरा, उसके भाई नीलेश अजमेरा के साथ ही इनके पार्टनर हैप्पी उर्फ जितेंद्र धवन से जुड़ते जा रहे हैं। इन तीनों ने कॉलोनी काटने और जमीन खरीदने के एवज में संदीप तेल से 48 करोड़ रुपए लिए हुए थे। इसी तरह सेठी से भी तेल को 19 करोड़ रुपए लेने थे। यानि कुल 67 करोड़ की वसूली तेल को चंपू, नीलेश, हैप्पी और सेठी से करनी थी। यह पुलिस की जांच का विषय है कि क्या सेठी इस हत्याकांड के लिए अकेला जिम्मेदार है या फिर सभी कहीं ना कहीं मिले हुए थे। बना ने भी पुलिस को साफ कर दिया है कि जब हत्या का दस करोड़ में सौदा हुआ तो सेठी के साथ अजमेरा भी साथ में था। हालांकि पुलिस ने अभी तक कौन सा अजमेरा था, इसकी जानकारी औपचारिक तौर पर नहीं दी है।
इस तरह से थे तेल और भूमाफियाओं के लेन-देन
- द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी धवन ने तेल से वैभवलक्ष्मी रियल एस्टेट कंपनी के काम से 18 करोड़ रुपए ले रखे थे। इसके लिए दोनों के बीच करार हुआ था। इस राशि के लेन-देन को लेकर विवाद था।
31 मार्च को हर हाल में चाहिए होती थी राशि
तेल अधिकांश राशि नंबर एक में कंपनियों के माध्यम से ही लेनदारों को देता था। इसका एक बड़ा उसूल था कि भले ही साल भर रुपए का उपयोग करो, उसे अपने खाते में 31 मार्च तक यह राशि वापस चाहिए होती थी, क्योंकि इंकमटैक्स व अन्य रिटर्न में यह लेन-देन दिखाना होता था। इस पर तगड़ा ब्याज तो लेता ही था। सूत्रों के अनुसार कॉलोनी के काम में देरी के चलते तेल और अजमेरा बंधुओं का कई बार विवाद हुआ क्योंकि समय पर यह राशि नहीं लौटाते थे। इसके चलते कई बार दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ।
चंपू से तो पुलिस ने पांच दिन तक पूछताछ भी की थी
इस मामले में चंपू अजमेरा को हत्याकांड के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने में भी बैठाया था और लंबी पूछताछ हुई थी। हालांकि बाद में उस समय कांग्रेस सरकार में पावरफुल मंत्री के कहने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था। लेकिन शक की सुई हमेशा ही अजमेरा पर रही। एक बार फिर शूटर बना से पूछताछ के बाद इन पर शक गहरा गया है।
शूटर बोला 10 करोड़ में हुआ था सौदा, सेठी के फार्महाउस पर हुई थी बैठक
शूटर बना अभी तक अजमेर जेल में था और अब पुलिस उसे रिमांड पर इंदौर ला पाई है। इससे लंबी पूछताछ हुई है। विजयनगर टीआइ रवींद्र गुर्जर के अनुसार, बना ने संदीप को पांच गोलियां मारना कुबूला है। उसने बताया कि हत्या के पूर्व रोहित सेठी के फार्म हाउस (मांगलिया) में बैठक हुई थी। इस बैठक में मंदसौर का गैंगस्टर सुधाकर राव मौजूद था। राव ने ही हत्या के लिए हायर किया था। फार्महाउस पर बैठक में रोहित किसी अजमेरा नामक कारोबारी को भी लेकर आया था, वहां कई जमीन कारोबारी शामिल थे। उसने बताया कि संदीप से करीब 100 करोड़ का लेनदेन है। जमीन का भी विवाद चल रहा है। उसकी हत्या के बदले दस करोड़ रुपए देंगे। अजमेरा ने जमीन और रुपए देने का आश्वासन दिया था। पिस्टल खरीदने के लिए एडवांस रुपए भी दिए गए थे। शूटर ने कहा कि वह राजस्थान का है इसलिए उसे पूरे नाम याद नहीं है। सेठी ने कहा था कि केबल कारोबार में पार्टनरशिप के बाद से ही तेल से परेशान है, वह पूरा कारोबार टेकओवर करने में लगा है।
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बना सुपारी किलर है, हत्या के पहले रैकी की थी
शूटर जितेंद्र उर्फ बना सुपारी किलर है। इस पर 48 अपराध दर्ज हैं। हत्या में उपयोग की गई पिस्टल की रिकवरी के लिए इसे कोर्ट पेश कर दस दिन के रिमांड पर लिया गया है। आरोपी जितेंद्र ने बताया कि हत्या की साजिश होने के बाद करीब दो माह तक उन्होंने संदीप तेल की रैकी की। उसके घर आने, ऑफिस जाने, पार्टी करने के स्थान, दोस्तों के साथ मिलने वाले स्थान आदि की जानकारी जुटाई। संदीप अपने साथ सिक्योरिटी गार्ड रखता था। रैकी के दौरान जैसे ही पता चला कि वह ऑफिस से बिना गार्ड के निकल रहा है तो उस पर वहीं गोलियां दाग दीं। इसके लिए देवास से एक कार भी चोरी की थी, हत्या के बाद कार पुलिस ने जब्त कर ली थी। जितेंद्र बना ने बताया कि सुधाकर राव मराठा पूरे हत्याकांड का षड्यंत्रकारी रहा है। उसने हत्या के दिन ही राजस्थान में मारपीट के मामले में खुद पर केस दर्ज करवाकर सरेंडर कर दिया था, ताकि उस पर कोई शक ना कर सके।
यह हुआ अभी तक हत्याकांड में
मनीषपुरी निवासी कमोडिटी कारोबारी संदीप अग्रवाल उर्फ संदीप तेल की 26 जनवरी 2019 को विजय नगर थाने के समीप गोली मार कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने केबल कारोबारी रोहित सेठी सहित मंदसौर के गैंगस्टर सुधाकर, देवीलाल जाट, आर्यन सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन मुख्य शूटर जितेंद्र बना फरार था। तीन साल पहले बना को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन उसे इंदौर नहीं लाया गया। शनिवार (29 अप्रैल) को अजमेर पुलिस का एक दल कोर्ट लेकर पहुंचा और पुलिस ने दस दिन के रिमांड पर ले लिया।