INDORE. इंदौर में शनिवार को हुए अधिवक्ताओं के कार्यक्रम से शहर ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल ने ये आयोजन कर कई निशाने एक साथ साधने की कोशिश की है। आयोजन में उनके साथ पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा का होना भी राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर चुका है। राज्य में कांग्रेस के बड़े नेता सत्यनारायण पटेल के इस आयोजन को चुनाव से पहले केंद्र और प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व को चुनौती की तरह देख रहा है। वहीं प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के तंज भरे ट्वीट ने आग को हवा दे दी है। हाल ही में सत्यनारायण पटेल ने एक कार्यक्रम किया था जिसमें दिग्विजय सिंह मुख्य अतिथि थे। उनके मंच पर जाते ही मोदी के नारे लगे थे और दिग्विजय सिंह मंच से उतर गए थे। इसके बाद सत्यनारायण पटेल ने काफी सफाई पेश की थी।
इसे विद्रोह मानेगा कांग्रेस हाईकमान
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इसे विद्रोह की तरह देखेगा क्योंकि कपिल सिब्बल वो नेता हैं जिन्होंने कांग्रेस हाईकमान का विरोध कर G-23 गुट बनाया था। वैसे तो अब कपिल सिब्बल कांग्रेस के साथ नहीं हैं और उन्हें सपा ने समर्थन देकर राज्यसभा सांसद बना दिया है। लेकिन, कांग्रेस के नेताओं के साथ मंच साझा करने के मायने राजनीतिक गलियारों में कुछ और ही निकाले जा रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट से इसे साफ भी कर दिया है।
आयोजन के कार्ड पर नहीं था कपिल सिब्बल का नाम
कपिल सिब्बल @KapilSibal व सैम पित्रोदा @sampitroda के साथ यह बहुत ही अच्छी शुरुआत है @VTankha जी। आप को बधाई। @INCMP @INCIndia @RahulGandhi @Jairam_Ramesh https://t.co/lybsWc8CbR
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 23, 2023
अधिवक्ता अजय बागड़िया ने हाल ही में पूर्व सीएम कमलनाथ और शशि थरूर के साथ एक बड़ा आयोजन कराया। इसमें पूरा श्रेय बागड़िया के खाते में चला गया और दूसरा धड़ा दूर खड़ा रह गया। अब इस कराए गए आयोजन को इसके प्रतिवाद के रूप में इसे देखा जा रहा है। इस आयोजन को पटेल का ट्रस्ट तो करा रहा है। इसके साथ ही संयोजक में मप्र स्टेट बार काउंसिल के जय हार्डिया, सुनील गुप्ता के साथ सौरभ मिश्रा शामिल है। कहा जा रहा है कि आयोजन की जानकारी मिलने पर बागड़िया ने यह बात पूर्व सीएम कमलनाथ तक भी पहुंचाई, फिर वहां से जानकारी भी मांगी गई, खासकर सिब्बल की उपस्थिति को लेकर। पहले आयोजन का कार्ड जारी हुआ तो इसमें सिब्बल का नाम नहीं था, लेकिन आयोजनकर्ता में सत्यनारायण पटेल का नाम था। लेकिन कुछ दिन बाद जब नया आमंत्रण आया और सिब्बल का नाम जुड़ा तो आयोजन से पटेल का नाम हट गया। हालांकि, उनके ट्रस्ट का नाम बना रहा है। सिब्बल अब कांग्रेस का हिस्सा नहीं हैं। वे सपा से राज्यसभा सांसद हैं। कांग्रेस में रहते हुए सिब्बल कांग्रेस आलाकमान (राहुल गांधी) के खिलाफ बने G-23 का हिस्सा थे। जी-23 का हिस्सा रहे गुलाम नबी आजाद भी कांग्रेस छोड़कर जा चुके हैं।
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20 साल बाद अपनी ही सीट पर हारे थे सत्यनारायण पटेल
सत्यनारायण पटेल 2009 लोकसभा चुनाव में सुमित्रा महाजन से 11 हजार से ज्यादा वोटों से हारे थे। 2013 में मप्र विधानसभा चुनाव में देपालपुर से हारे। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पटेल दोबारा सुमित्रा महाजन से हार गए। 2018 में मप्र विधानसभा चुनाव में इंदौर-5 सीट पर बीजेपी के महेंद्र हार्डिया से हार गए। सत्यनारायण पटेल 1998 में पहली बार इंदौर-5 सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन 20 साल बाद अपनी ही सीट पर हार गए। 2003 में पटेल ने देपालपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा, पर हार गए। 2008 में देपालपुर से जीतकर विधानसभा पहुंचे।