राज्य सेवा परीक्षा 2019 पर सुप्रीम कोर्ट की भी रोक नहीं, अंतरिम राहत देने से इंकार, लेकिन संबंधितों से जवाब मांगा

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The Sootr
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राज्य सेवा परीक्षा 2019 पर सुप्रीम कोर्ट की भी रोक नहीं, अंतरिम राहत देने से इंकार, लेकिन संबंधितों से जवाब मांगा

संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2019 की स्पेशल मैन्स 15 अप्रैल से आयोजित की जा रही है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगी रिवीजन पिटीशन पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। हालांकि संबंधितों से जवाब मांगा गया है। साथ ही यह कहा कि इस मामले में न्याय की दृष्टि से आगे इसमें जो भी होगा। वह सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के तहत सब्जेक्ट मैटर रहेगा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेशवर ठाकुर दवारा मीडिया में यह जानकार दी गई है। 



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इसलिए सुप्रीम कोर्ट गए थे याचिकाकर्ता



हाईकोर्ट ने दिसंबर माह में फिर से मैन्स कराने के पीएससी के फैसले पर रोक लगाते हुए केवल नए सिरे से सफल हुए अभ्यर्थियों की ही स्पेशल मैन्स कराने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ याचिका लगाई गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके लिए ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन विधिक सहायता से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की गई थी। इसमें दस अप्रैल को सुनवाई हुई थी। 



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सुप्रीम कोर्ट में यह रखा गया पक्ष




  • मुख्य तर्क था कि हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश संविधान की धारा 14 के खिलाफ है, क्योंकि एक चयन में दो अलग-अलग परीक्षाएं नहीं की जा सकती है। 


  • यह भी तर्क था कि एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग की विशेष परीक्षा होती है तो उत्तर पुस्तिका जांचने वाला पूर्वाग्रह से ग्रसित हो सकता है।

  • विशेष परीक्षा संविधान की मूल भावना के विपरीत है। 

  • राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 के तहत विशेष परीक्षा का नियम ही नहीं है।

  • लोक सेवा आयोग ने अक्टूबर 2022 में पूर्व के रिजल्ट जीरो कर नए सिरे से रिजल्ट जारी कर फिर से मैन्स कराने का फैसला लिया था, जो सही था। इसे हाईकोर्ट को निरस्त करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं था।

  • सामान्य वर्ग और आरक्षित वर्ग के लिए अलग-अलग परीक्षाएं कराना गलत है।

  • आयोग का प्री रिजल्ट जारी कर नए सिर से 13 हजार उम्मीदवारों की सभी की मैन्स कराना उचित कदम होता, लेकिन यह अंसवैधानिक है। 



  • लंबी है लड़ाई



    राज्य सेवा परीक्षा 2019 की लड़ाई चार साल से चल रही है। इसकी प्री और मैन्स के रिज्लट समय पर आए, लेकिन रोस्टर नियमों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लग गई। इसमें रोस्टर नियमों को गलत बताया गया। इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण को लेकर विविध याचिकाएं लग गई। इसके बाद जीएडी (सामान्य प्रशासन) के निर्देश अनुसार दिए गए 87-13 फीसदी के फार्मूले से पीएससी ने फिर से प्री का रिजल्ट जारी कर नए सिरे से सभी की मैन्स कराने का फैसला लिया, लेकिन पूर्व रिजल्ट में सफल उम्मीदवार जो इंटरव्यू के लिए क्वीलाफाई हो चुके थे। वह हाईकोर्ट गए और आदेश हुआ कि केवल नए सफल उम्मीदवारों की स्पेशल मैन्स हो और पूरी प्रक्रिया छह माह में पूरी की जाए। इसके बाद आयोग ने करीब 2700 उम्मीदवारों को नए सिरे से स्पेशल मैन्स के लिए क्वालीफाई घोषित किया। इसके बाद 15 से 20 अप्रैल को यह स्पेशल मैन्स हो रही है। इसे लेकर ही असफल हो चुके उम्मीदवार लगातार याचिकाएं दायर कर रहे हैं और उनकी मांग है कि फिर से मैन्स हो। इस याचिकाओं को हाईकोर्ट खारिज कर चुका है और अब सुप्रीम कोर्ट में मामला गया है।


    सुप्रीम कोर्ट राज्य सेवा परीक्षा 2019 State Service Examination 2019 मप्र लोक सेवा आयोग संबंधितों से जवाब मांगा अंतरिम राहत sought answers from the concerned Supreme Court interim relief Madhya Pradesh Public Service Commission