रविकांत कौशिक, SHEOPUR. मध्यप्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूल भवनों की हालत ठीक नहीं है। आलम ये है कि सर्दी हो या गर्मी या बरसात, तीनों मौसम में विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। श्योपुर के विजयपुर में विद्यार्थी पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं क्योंकि स्कूल बिल्डिंग आधी-अधूरी बनी है। 2009 से स्कूल बिल्डिंग का निर्माण कार्य बंद है, इसलिए वो खंडहर में बदलती जा रही है।
स्कूल चलो अभियान की धज्जियां उड़ा रहे जिले के अधिकारी
श्योपुर के अधिकारी स्कूल चलो अभियान की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अधिकारी सिर्फ दफ्तरों में बैठकर रिपोर्ट तैयार करके आधी-अधूरी जानकारी सीएम कार्यालय में भेज रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ाई खुले आसमान के नीचे कराई जा रही है। स्कूल में मिडिल और प्राइमरी स्कूलों की कक्षाएं अलग-अलग लगाई जाती हैं। जगह नहीं होने की वजह से एक ही जगह सभी कक्षाओं के बच्चों को बैठाया जा रहा है। ये सिलसिला कई सालों से चल रहा है।
ग्रामीणों और शिक्षकों ने कई बार की शिकायत
छात्र पढ़ने के लिए दूर-दूर से आते हैं लेकिन लापरवाह अधिकारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों और शिक्षकों ने इस मामले में कई बार प्रशासन से शिकायत की लेकिन जिला प्रशासन सोता रहा। अधिकारी 13 साल से यही कह रहे हैं कि जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा।