देव श्रीमाली, GWALIOR. ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों द्वारा एलिवेटेड रोड के द्वितीय चरण की मंजूरी के लिए महाराज बाड़े पर बीती 7 अप्रैल की रात आयोजित की गई आभार सभा बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा दूरी बनाने और सिंधिया समर्थकों के हाबी रहने के चलते फ्लॉप हो गई। इसके विज्ञापन से लेकर संचालन तक को लेकर टकराव की स्थिति बनी रही, जिसके चलते इसमें भीड़ नहीं जुट सकी। हालात देख सिंधिया के चेहरे पर निराशा भी साफ दिखाई दी। उधर, कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि शायद दुनिया का पहला आयोजन था जिसमें ऐसे काम के लिए आभार मांना जा रहा था जिसका काम अभी शुरू ही नहीं हुआ।
एलिवेटेड रोड के लिए आभार सभा
इस आभार सभा का आयोजन ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित करना बताया गया था। दरअसल, गुना से लोकसभा चुनाव हार चुके सिंधिया की निगाह इस बार ग्वालियर संसदीय सीट पर है। यहां से उनके दिवंगत पिता माधव राव सिंधिया अनेक बार कांग्रेस से और बुआ यशोधरा राजे सिंधिया दो बार बीजेपी से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद पहुंच चुके हैं। अब ज्योतिरादित्य यहां से भाग्य आजमाना चाहते हैं, इसलिए वे सारे आयोजन और अपनी राजनीतिक जमावट उसी हिसाब से कर रहे हैं। ग्वालियर में केंद्र सरकार ने हाल ही में एलिवेटेट रोड के द्वितीय चरण की मंजूरी दी है। हालांकि, ना तो अभी इसका भूमिपूजन हुआ और ना ही काम की शुरुआत हुई, लेकिन श्रेय बीजेपी ना उठा ले। सो, सिंधिया समर्थकों ने आनन - फानन में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओ की तरफ से महाराज बाड़े पर आभार सभा रखवा दी।
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विज्ञापन से सभापति का नाम गायब
इस आयोजन को लेकर अच्छे कवरेज की चाहत में सिंधिया समर्थकों ने एक-एक पेज के विज्ञापन जारी किए। इस विज्ञापन की खास बात ये थी कि इसमें 2018 में बागी होकर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता का फोटो तो दो बार था। शहर का आयोजन होने के बावजूद ग्रामीण के जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा का भी फोटो था लेकिन नगर निगम में सभपति जैसे बड़े पद पर बैठे बीजेपी के नेता, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के नजदीकी मनोज तोमर का फोटो और नाम दोनों गायब थे, जबकि सिंधिया समर्थक नेता प्रतिपक्ष हरि पाल का फोटो मौजूद था। तोमर का फोटो गायब होने से बीजेपी कार्यकताओं में खासी निराशा और गुस्सा दिखाई दिया। जिसका असर भीड़ पर भी पड़ा।
मोदी, शाह और शिवराज से बड़े सिंधिया के फोटो
बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता, इस विज्ञापन में छपे फोटो के आकार और प्लेसमेंट से भी खासे नाराज दिखे और दिनभर उनमें इसको लेकर चर्चा रही। इस विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फोटो सिंधिया की तुलना में काफी छोटा लगाया गया था, जबकि गृहमंत्री अमित शाह का चित्र मोदी से ऊपर की लाइन में तो लगाया गया लेकिन वह और भी छोटा ही नहीं बल्कि पवैया, अनूप मिश्रा, नारायण सिंह कुशवाह वाली लाइन में लगाया गया था। बीजेपी के आयोजनों में प्रमुखता मोदी, शाह, शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष के फोटो की रहती है। बीजेपी के जिला पदाधिकारियों में नाराजी, इस बात को लेकर भी थी कि विज्ञापन में नीचे निवेदक के रूप में जिला बीजेपी लिखा था लेकिन विज्ञापन में जिला तो दूर मंडल अध्यक्ष तक का नाम नहीं था।
टिकट की दावेदारी
ग्वालियर दक्षिण बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है। यहां से पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह लगातार तीन बार विधायक चुने गए, लेकिन 2018 के चुनाव में वे 121 मतों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए। अभी वे बीजेपी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं और इस सीट से टिकट के स्वाभाविक और प्रबल दावेदार। इनके अलावा पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता की भी पक्की दावेदारी है। समीक्षा ने पिछले चुनाव में निर्दलीय लड़कर अच्छे वोट हासिल किए थे। जिसके चलते बीजेपी को अपनी यह परम्परगत सीट गंवानी पड़ी थी। इसके अलावा सभापति मनोज तोमर और पूर्व जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी और प्रांशु शेजवलकर भी दावेदारों की कतार में है, लेकिन सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद सूची बढ़ने लगी है। कल की आभार सभा में सिंधिया समर्थक हरि पाल के लोगों ने पोस्टर लहराकर उनकी दावेदारी जताई। इनके अलावा सिंधिया के नजदीकी रमेश अग्रवाल, किशन मुदगल और पार्षद मोहित जाट भी यहां से टिकट चाहते हैं।
सभा में नहीं जुट सकी भीड़
इस सभा का आयोजन सिंधिया समर्थकों द्वारा अपने शक्ति प्रदर्शन के तौर पर किया था लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा इस आयोजन से बनाई गई दूरी के चंलते सभा पूरी तरह फ्लॉप हो गई क्योंकि बाड़े का छोटा सा सभा स्थल आधा भी नहीं भर सका। मंच पर भी सिंधिया समर्थकों के बर्चस्व से आपाधापी की हालत रही। सभा के संचालन को लेकर भी आखिरी तक विवाद रहा, लेकिन बीजेपी नेताओं के दबाव के चलते परंपरानुसार महामंत्री विनोद शर्मा ने ही संचालन किया।
सिंधिया ने साधा कांग्रेस पर निशाना
सभा को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कांग्रेस पर ही निशाना साधा। उन्होंने कहाकि मैंने सभी धर्मों से दो बातें सीखीं। जियो और जीने दो और गलती पर क्षमा। लेकिन ये दोनों बातें कांग्रेसी कभी नहीं सीखेंगे। वे ना खुद कभी चैन से जिएंगे और ना दूसरों को जीने देंगे।
15 महीने की सरकार एक डिब्बे से चलती थी
सिंधिया ने कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीच में प्रदेश में 15 महीने की एक सरकार आई थी। मैं भी उस तरफ ही था। तब पूरी सरकार एक डिब्बे यानी मोबाइल से चलती थी। लेकिन ग्वालियर सहित अंचल के विकास की बात पर DO NOT डिस्टर्व का फंग्सन काम करता था।