देव श्रीमाली, GWALIOR. नेताओं को एक-दूसरे के खिलाफ बयानवाजी अब भारी पड़ती नजर आ रही है। अब ऐसे ही एक बयान को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कानूनी दिक्कतें बढ़ सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को देश विरोधी बताने वाले उनके एक बयान पर उनके खिलाफ ग्वालियर की कोर्ट में पेश किए गए एक परिवाद पर कोर्ट ने 8 मई की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी है।
8 मई को होगी सुनवाई
कांग्रेस लीगल सेल के नितिन शर्मा और ज्ञान सिंह यादव द्वारा ग्वालियर कोर्ट में यह परिवाद दायर की गई है। कांग्रेस का इसमें आरोप है कि 22 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को देश विरोधी बताया था। बुधवार (26 अप्रैल) को यह परिवाद कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। इसमें सिंधिया के साथ ही उनके दो समर्थक और शिवराज सरकार में मंत्री तुलसी राम सिलावट और महेंद्र सिंह सिसोदिया के बयान का भी उल्लेख करते हुए उन्हें भी पार्टी बनाया गया है। कोर्ट ने इस परिवाद पर सुनवाई के लिए 8 मई की तारीख तय की है। अगर कोर्ट ने इस परिवाद को स्वीकार कर लिया तो सिंधिया और उनके समर्थकों की दिक्कतें बढ़ सकतीं है।
ये खबर भी पढ़िए...
कैसे शुरू हुआ विवाद
यह विवाद 22 अप्रैल को तब शुरू हुआ जब दिग्विजय सिंह ने उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि हे महाकाल अब कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में पैदा ना हो। इसके आते ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी तत्काल पलटवार किया। उन्होंने दिग्विजय सिंह की कही गई बात को रीट्वीट करते हुए लिखा- हे प्रभु महाकाल। दिग्विजय सिंह जैसा देश विरोधी और मध्यप्रदेश के बंटाढार मध्यप्रदेश में पैदा ना हो। यह विवाद अभी भी मीडिया में चर्चा में बना हुआ है। अब इसको लेकर कानूनी जंग भी शुरू हो गई है।