महाराष्ट्र(Maharashtra) में मची सियासी(political upheaval) उठापटक पर फिलहाल विराम(pause) लग गया है...लेकिन जिस प्रकार से मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(Former Chief Minister Kamal Nath) की कुर्सी छीनी गई थी...उसी स्क्रिप्ट(Script) को महाराष्ट्र(Maharashtra) में दोहराया गया... साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) के साथ 22 विधायकों ने कांग्रेस(Congress) से बगावत की थी...ठीक उसी तरह एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत की...MP के विधायकों को भोपाल से बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था...जबकि महाराष्ट्र के लिए स्ट्रेटेजी थोड़ा बदलाव किया गया...शिवसेना विधायकों ने पहले सूरत औऱ बाद में गुवाहाटी भेजा गया...एमपी के मामले में सिंधिया गुट के विधायकों से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुंचने में कामयाब हो गए थे...यही वजह है कि शिंदे गुट को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट किया गया...