Jabalpur. जबलपुर की जेल में बंद बिशप पीसी सिंह के कारनामों के चलते उसकी मुश्किलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। ईओडब्ल्यू ने एक्टिंग बिशप समीर खिमला को चिट्ठी लिखकर बिशप पीसी सिंह को किस संस्था से कितनी तनख्वाह मिलती थी, इसकी पूरी जानकारी मांगी है। इधर टीम ने बिशप पीसी सिंह की घपलेबाजी की काफी सारी जानकारियों एक्टिंग बिशप खिमरा से ले ली हैं।
ईओडब्ल्यू ने बिशप को दी जाने वाली तनख्वाह, अतिरिक्त भत्तों की रसीद और बैंक स्टेटमेंट की कॉपी भी तलब की है। साथ ही ईओडब्ल्यू ने केस डायरी की समीक्षा शुरू कर दी है। केस डायरी में अब तक लगाए गए साक्ष्य और विभिन्न दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
मिलता था सरकारी अनुदान इसलिए बढ़ेगी धारा
द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया की ओर से शैक्षणिक संस्थाओं का संचालन किया जाता था। इसमें से कटनी, शहडोल और जबलपुर के एक-एक स्कूल को सरकार से अनुदान मिलता था, इन्हीं संस्थाओं से बिशप पीसी सिंह को तनख्वाह भी मिलती थी। इस लिहाज से टीम ने बिशप पीसी सिंह को सरकारी कर्मचारी माना है। इसलिए अब उस पर आय से अधिक संपत्ति के मामले की धारा बढ़ाने की तैयारी भी चल रही है।