सीहोर में भाई दूज के दिन खेली जाती है महादेव की होली, रुद्राक्ष वाले पं. प्रदीप मिश्रा ने दो साल पहले बदला था नवाब की होली का नाम

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Atul Tiwari
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सीहोर में भाई दूज के दिन खेली जाती है महादेव की होली, रुद्राक्ष वाले पं. प्रदीप मिश्रा ने दो साल पहले बदला था नवाब की होली का नाम

कवि छोकर, SEHORE. मध्य प्रदेश का सीहोर बीते कुछ महीनों से चर्चा में है। पहले वजह रुद्राक्ष महोत्सव थी, अब यहां की होली है। सीहोर में सालों से नवाब की होली की परंपरा थी। अब यहां महादेव की होली खेली जाती है। यूं तो पूरे देश में धुरेड़ी के दिन रंग खेला जाता है, लेकिन सीहोर में होली के दूसरे दिन यानी भाई दूज के दिन लोग रंगों में सराबोर रहते हैं। 



ऐसे होती है सीहोर की महादेव की होली



सीहोर में महादेव की होली चमत्कारेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर चंदन जल के अर्पण के साथ शुरू होती है। यह पिछले साल यानी 2022 से ही शुरू हुई। इस होली का चल समारोह यानी जुलूस मुख्य मार्ग से होकर मनकामेश्वर मंदिर पर समाप्त होता है। इस मौके पर पं. प्रदीप मिश्रा ने शहर के 5 प्राचीन मंदिरों में अष्टगंध से जलाभिषेक किया। महादेव होली की खास बात है कि ये सिर्फ गुलाल और चंदन के पानी से खेली जाती है। 



ऐसा होता है सीहोर का पांच दिन का होली उत्सव, कभी यहां नवाब आते थे




  • पहले दिन : होलिका दहन के बाद धुरेड़ी पर रंग तो होता ही है, लेकिन दिन में परंपरागत रूप से गेर भी निकालते हैं और गमी वाले घरों में जाते हैं।


  • दूसरे दिन : भाई दूज को शहर में जमकर होली खेली जाती है। बताया जाता है कि इसी दिन भोपाल के नवाब हमीदउल्लाह खान सीहोर आते थे।

  • तीसरे दिन : होली के तीसरे दिन नवाब आष्टा पहुंचते थे और वहां बुधवारे में बैठते थे। नवाबी परंपरा आज भी यहां कायम है। आष्टा के पुराना नपाध्यक्ष भवन पर जमकर होली खेली जाती है।

  • चौथे दिन : होली के चौथे दिन नवाब जावर पहुंचते थे। जावर में भी पूरे उल्लास के साथ पर्व मनाया जाता था।

  • पांचवें दिन : रंग पंचमी पर पूरे जिले में होली खेली जाती है। जुलूस निकाला जाता है, जिससे पूरा नगर त्योहार की खुशियों में डूब जाता है। 



  • सीहोर विधायक ने जताया पंडित जी का आभार



    सीहोर से बीजेपी के विधायक सुदेश राय ने कहा कि महादेव की होली के लिए मैं पं. प्रदीप मिश्रा को धन्यवाद-आभार जताता हूं। सीहोर में ये महादेव की होली का दूसरा साल है। इसको लेकर सीहोर के हर व्यक्ति में उत्साह है। पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इस होली का नाम पहले नवाबों की होली था। अब इसका नाम महादेव की होली हो गया है। महादेव की होली 2 साल से हो रही है। आप सब भी मंदिर में जाकर भगवान शिव को चंदन का जल और वस्त्र चढ़ाएं।



    देखिए, सीहोर की महादेव की होली




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