JABALPUR. राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ का मानहानि का मामला दर्ज करवाया है। इस मामले में जबलपुर जिला न्यायालय में 29 अप्रैल, शनिवार को सुनवाई हुई। तकरीबन डेढ़ घंटे तक वरिष्ठ अधिवक्ता तन्खा ने अपने बयान दर्ज करवाएं। इस दौरान उनके साथ सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल भी मौजूद रहे।
मेरे साथ न्याय होना चाहिए: तन्खा
राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा मेरे साथ गलत हुआ है। इसी वजह से मैं न्यायालय में आया हूं। मेरे साथ न्याय होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में मैंने जो पिटीशन लगाईं, उसमें मैंने ओबीसी आरक्षण या ओबीसी से संबंधित कोई बात नहीं कही थी। मैंने सिर्फ ये कहा था कि पंचायत चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल केस के तहत मुझे सुना। सुनवाई के दौरान एजी मध्य प्रदेश, सॉलीसीटर जनरल, शासन और इलेक्शन कमीशन भी मौजूद थे।
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मेरे खिलाफ रची थी साजिश
इस प्रोसिडिंग के दौरान सरकार, इलेक्शन कमीशन, एजी मध्य प्रदेश, सॉलीसिटर जनरल सब मौजूद थे। सबने देखा और सुना कि मेरी याचिका से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई संबंध नहीं था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एमपी सरकार संकट में पड़ गई। सरकार के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था, इसलिए मेरे खिलाफ साजिश रची गई। इस साजिश में सीएम शिवराज, भूपेंद्र सिंह, वीडी शर्मा शामिल थे।
प्रदेश में मेरी छवि को किया गया धूमिल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले दिन सभी सोशल मीडिया, अखबार और टीवी चैनल पर फ्रंट न्यूज पर मुझे जिम्मेदार ठहराया गया कि इनकी वजह से एमपी सरकार ओबीसी आरक्षण दिलाने में नाकाम रही। पूरे मध्य प्रदेश में मेरी छवि को धूमिल किया गया। इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया गया।