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आफताब अली, Shajapur. इंसान और जानवरों के बीच का प्रेम सदियों पुराना है। इस स्नेह में कई बार अनोखी तस्वीरें सामने आती रहती है, जिसमें इंसान और पशुओं के बीच का यही प्रेम एक मिसाल बन जाता है। कुछ ऐसा ही शाजापुर में हुआ। यहां एक गाय के मालिक ने उसकी मौत के बाद परिवार के एक सदस्य की ही तरह उसे अंतिम विदाई दी।
बैंड बाजों के साथ निकाली अंतिम यात्रा...
शाजापुर के भंवर सिंह खिंची के यहां 20 सालों से रानू नामक गाय को पाला जा रहा था, पूरे परिवार को उससे बहुत प्यार था,वह घर के सदस्य की तरह थी। 1 अक्टूबर मंगलवार को उसके निधन हो गया। इससे परिवार और पूरे मोहल्ले ने हिन्दू रीति- रिवाज से पहले 100 से ज्यादा साड़ियां ओढ़ाई और नगरपालिका के वाहन में बैंड-बाजे के साथ शवयात्रा निकाली। इस मौके पर परिवार और पूरे मोहल्ले के लोगों की आंखें नम थी। जेसीबी के माध्यम से गड्ढा खोदकर शव को दफनाया गया। हिंदू रिति-रिवाज से गाय का अंतिम संस्कार किया।
गाय की मौत से गांव में शोक की लहर
भंवरसिंह ने बताया कि रानू हमारे परिवार के लिए 'मां' जैसी थी। पूरे मोहल्ले की भी चहेती थी और सभी उसे रानू नाम से पुकारते थे, नाम लेते ही वह पीछे-पीछे चल देती थी। परिवार दुखी है, गाय नहीं हमारी मां का निधन हुआ है। इसलिए परिवारिक सदस्य की तरह उसका अंतिम संस्कार किया गया है।