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Jabalpur. जबलपुर पहुंचे जगदगुरू स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा है। हिंदू राष्ट्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि मोहन भागवत के पूर्वज स्वर्ग में रो रहे होंगे। दरअसल मोहन भागवत ने देश को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की अटकलों को खारिज किया था साथ ही उन्होंने वर्ण व्यवस्था पर भी टिप्पणी की थी। शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने वर्ण व्यवस्था के सवाल पर कहा कि भागवत पहले गीता का पहला अध्याय तो पढ़ लें। शंकराचार्य बोले कि पैर को कितनी भी ट्रेनिंग दे लो क्या वह हाथ का काम कर सकता है?
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छत्तीसगढ़ में कुछ और बयान देते हैं भागवत
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि भागवत जब भी छत्तीसगढ़ जाते हैं तो हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कहते हैं वहीं अन्य प्रदेशों में देश को हिंदू राष्ट्र ही बताते हैं। रामराज्य के सवाल पर स्वामी निश्चलानंद बोले कि रामराज्य को सहने की क्षमता होनी चाहित, यहां लोग हिंदू राष्ट्र को नहीं सह पा रहे, राम राज्य को क्या सह पाऐंगे। बता दें कि देश को 3 साल 6 महीने में हिंदू राष्ट्र बनाने का मनोरथ लेकर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भारत भ्रमण पर निकले हैं।
अल्लाह संस्कृत का शब्द- निश्चलानंद सरस्वती
पत्रकारों से बातचीत में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत का है, इसकी उत्पत्ति संस्कृत से हुई है, लेकिन इस बात पर कोई विश्वास नहीं करता। उन्होंने फर्जी शंकराचार्यों पर भी तंज कसते हुए कहा कि आजकल तो हर पार्टी अपने प्राइवेट शंकराचार्य बना रही है। बिहार में पार्टियों ने अपने शंकराचार्य बनाए हैं। जगह-जगह नकली शंकराचार्य घूम रहे हैं पर कोई उनसे सवाल पूछने वाला ही नहीं है। नेता समाज में फूट डालने का ही काम करते हैं। स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि हमसे जिस पार्टी ने बैर मोल लिया वह पार्टी सत्ता से दूर हो गई।
सबके पूर्वज सनातनी
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि आखिर सभी के पूर्वज सनातनी थे। मोहम्मद पैगंबर हो या ईसा मसीह उनके पूर्व भी सनातनी थे। राजा विक्रमादित्य के शासनकाल तक पृथ्वी पर केवल हिंदू मनुष्य ही होते थे इसलिए हिंदू राष्ट्र बनाने की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन अब परिस्थितियां दूसरी हैं, इसलिए हिंदू राष्ट्र बनाया जाना परम आवश्यक है।