नरसिंहपुर में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद बोले- कूटनीति में माहिर हो गए हैं मोदी, हनुमान चालीसा में संशोधन का भी किया विरोध

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
नरसिंहपुर में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद बोले- कूटनीति में माहिर हो गए हैं मोदी, हनुमान चालीसा में संशोधन का भी किया विरोध

Narsinghpur, Brijesh Sharma. पुरी, गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी कूटनीति में माहिर हो गए हैं फिर भी उनमें दो दोष विद्यमान हैं। एक यह है कि वह गौरक्षा के पक्षधर हो जाएं और दूसरा हिंदुओं को धर्मच्युत नहीं होने दें, इससे वह भारत के प्रधानमंत्री पद पर प्रतिष्ठित होने योग्य हो सकेंगे।




कथावाचकों पर भी साधा निशाना




शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ‘द सूत्र’ से बातचीत में कहा कि कूटनीति के पांच अंगों होते हैं। नमन मिलन दमन जिसमें मोदी माहिर हुए और अब अंक 9 रंग मन में भी माहिर हैं, परंतु वह गो रक्षकों को गुंडा कहना छोड़ दें। महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ में शुल्क लेकर दर्शनार्थियों को भगवान के दर्शन कराए जाने की व्यवस्था पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मंदिरों में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, ट्रस्ट सक्षम बनें और बेहतर व्यवस्था करें। उन्होंने चमत्कार करने वाले कथा वाचकों पर तंज कसा कि इससे समाज में विस्फोट की स्थिति हो जाएगी।




  • यह भी पढ़ें


  • रीवा में मोदी ने 7853 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया, कहा- हमारी सरकार ने पंचायतों का बजट 2 लाख करोड़ तक बढ़ा दिया



  • हिंदू राष्ट्र की यात्रा पर हैं शंकराचार्य




    शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती से यह पूछा गया कि उनके द्वारा हिंदू राष्ट्र के लिए निकाली जा रही जन जागरण यात्रा के साढ़े 3 साल से ज्यादा हो गए हैं, इस पर क्या प्रतिसाद मिला है तो उनका कहना था कि अब पूरे देश में इसकी चर्चा है, अब यह बात सभी के द्वारा स्वीकार की जा रही है। हमारा किसी से विरोध नहीं है, ना ही हमने कभी कोई  विरोध की बात की। अब सभी मानने लगे हैं कि उनके पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य थे।




    हनुमान चालीसा संशोधन पर भी दी राय




    पुरी के शंकराचार्य से जब यह पूछा गया कि चित्रकूट के संत रामभद्राचार्य के द्वारा हनुमान चालीसा में जो संशोधन बतलाए गए हैं, उस पर आपका क्या अभिमत है ? इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि कि अगर यह पंक्तियां प्रक्षिप्त कर दी गई हैं तो यह विक्षिप्त होने की इच्छा व्यक्त कर रही हैं। उन्होंने कई कथावाचक द्वारा किए जा रहे चमत्कार को लेकर आगाह भी किया जब उनसे पूछा गया कि समाज में भौतिकवाद के साथ आध्यात्मिक के बढ़ते प्रभाव से कई कथावाचक चमत्कार दिखा रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि यह चमत्कार वहां तक तो ठीक है, जो व्यक्ति को धर्म और आस्था से जोड़े, लेकिन अगर यह उसके स्थान पर व्यक्तिगत प्रभाव उत्पन्न करने के लिए है, तो इससे समाज में विस्फोटक स्थिति हो जाएगी।




    साईंबाबा पर भी दिया बयान




    मंदिरों में हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के साथ साईंबाबा की प्रतिमा की प्रतिष्ठा पर भी उन्होंने दो टूक कहा कि अगर किसी में दम खम है तो वह ऐसा मस्जिद और गुरुद्वारा में करके दिखाएं। मंदिर परंपरा प्राप्त हैं, उन पर इस तरह की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती 25 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने के लिए जबलपुर में तीन दिवसीय प्रवास के बाद रविवार को प्रस्थान कर रहे थे।


    Narsinghpur News नरसिंहपुर न्यूज़ Shankaracharya Swami Nischalanand expert in diplomacy told PM Hanuman Chalisa amendment शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद PM को बताया कूटनीति में माहिर हनुमान चालीसा संशोधन