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शेखर यादव, SHIVPURI. मध्य प्रदेश अजब है, यहां गजब घटनाएं होती है। एक बार फिर ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया। शिवपुरी में एक नर्स तन्वी दबडे का मौत के बाद ट्रांसफर हुआ। तन्वी ने ट्रांसफर के लिए कई आवेदन लगाए थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। वो डिप्रेशन में आ गई थी। इसके बाद उसने खुदकुशी कर ली। मौत के 66 दिन बाद ट्रांसफर लिस्ट जारी हुई।
ये है मामला
शिवपुरी जिले के खोड़ मे पदस्थ रहीं नर्स तन्वी दबडे का 23 फरवरी को ट्रांसफर हुआ। आश्चर्य ये कि तन्वी मौत के 66 दिन बाद मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 23 फरवरी की शाम को नर्सिंग स्टाफ के ट्रांसफर की एक सूची जारी की। लिस्ट में 7वें नंबर पर तन्वी दबंडे का नाम हैं। उनका ट्रांसफर रायसेन जिला अस्पताल मे हुआ। तन्वी ने अपने ट्रांसफर को लेकर विभाग मे कई बार अर्जियां लगाई थी, पर जब ट्रांसफर नहीं हुआ तो उसने आत्महत्या कर ली।
डिप्रेशन में थीं तन्वी
मृतक तन्वी दबडे बैतूल के रहने वाली थीं। वे शिवपुरी जिले के खोड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे रहकर सेवाएं दे रही थीं। तन्वी डिप्रेशन में थीं। इस कारण से अपना ट्रांसफर भोपाल कराना चाहती थीं, ताकि अपने परिवार के पास रहकर डिप्रेशन से दूर हो सकें। आदेश आने के बाद तन्वी के साथ काम कर चुकीं नर्सों का कहना है कि अगर ट्रांसफर का यह आदेश पहले आ जाता तो आज तन्वी ज़िंदा होती। साथ काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि तन्वी कई बार बोलती थी कि वह अकेला महसूस करती है, परेशान हैं। अगर ट्रांसफर घर या उसके आसपास कहीं हो जाए तो परेशानी खत्म हो जाएगी।
काम के बोझ तले दब गई थीं तन्वी
बताया जा रहा हैं कई तन्वी को 90-90 घंटे काम करना पड़ रहा था, जिससे वह काफी थक गई थीं। इसी के चलते 20 दिसंबर को तन्वी ने सरकारी आवास मे नींद की कई गोलियां खा लीं। ड्रग ओवर डोज के कारण तन्वी की मौत हो गई।
अफसर क्या बोले?
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पवन जैन का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ तन्वी दबडे निधन की जानकारी भोपाल में भेजी गई थी। इसके बावजूद गलती हुई। ट्रांसफर लिस्ट भोपाल से जारी हुई है।