शिवपुरी में जिला सहकारी बैंक (Shivpuri Co-operative Bank) में भ्रष्टाचार (Corruption) के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। 28 सितंबर को देर रात बैंक के 4 सीईओ (CEO) समेत 14 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। गबन करने वाले अधिकारी कर्मचारियों की सम्पत्ति भी अटैच कर ली गयी है। बैंक में गबन का मामला सामने आने पर सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया (Arvind Singh Bhadoria) ने 13 सदस्यीय समिति बनाकर जांच कराई थी। इसमें गड़बड़ी के सभी पहलुओं और उससे जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका की जांच कराई गई थी।
करोड़ों रुपए के गबन का मामला
किसानों के नाम पर फर्जी ऋण और अमानतदारों की राशि में करोड़ों रुपये का गबन करने के मामले की जांच हुई। जांच के आधार पर बैंक में वर्ष 2006 से 2020 तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी पद पर रहे चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जांच दल ने इन सभी अधिकारियों को लापरवाही और उपेक्षापूर्ण कार्यप्रणाली से बैंक में गबन और घोटाला होने के लिए जिम्मेदार माना है। वहीं, शिवपुरी बैंक के प्रबंधक, लेखापाल और लिपिक संवर्ग के 10 कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। इसके आधार पर इन्हें भी निलंबित किया गया है।