शिवपुरी. कोरोना को खत्म करने के लिए एक ओर सरकार जहां डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन अभियान चला रही है। वहीं, इससे बचने के लिए ग्रामीण तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वजह है- वैक्सीनेशन को लेकर फैली गलतफहमियां। पहले बैतूल और छिंदवाड़ा के बाद अब शिवपुरी जिले में वैक्सीन न लगवाने को लेकर ग्रामीणों के ड्रामे के दो वीडियो सामने आए हैं।
टीका लगवाने से मौत हो जाती है
जिले के बैराड़ में महिला संतरा जाटव से किसी ने कह दिया था कि टीका लगवाने से कुछ साल बाद मौत हो जाती है। उसके दिमाग में ऐसा डर बैठा कि वैक्सीनेशन टीम के आते ही संतरा हर बार कोई न कोई बहाना करके घर से निकल जाती थी। संतरा के परिवार के सभी लोगों ने वैक्सीन लगवा ली। 29 सितंबर को भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस बार परिजन ने संतरा के हाथ-पैर पकड़कर और मुंह ढंक कर टीका लगवा दिया।
सड़क पर लेटा गया बुजुर्ग, लोगों ने पकड़कर लगवाई वैक्सीन
उधर, खनियांधाना इलाके की लखनपुरा आदिवासी बस्ती में एक बुजुर्ग वैक्सीन नहीं लगवाने पर अड़ गया। बुजुर्ग को ग्रामीण और उसके परिजन ने पकड़ लिया। डर के मारे वह वह सड़क पर ही लेट गया। बुजुर्ग के हाथ-पैर पकड़कर लोगों ने सड़क पर ही वैक्सीन लगवाई। वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ संजय ऋषिस्वर का कहना है कि लोगों में वैक्सीन को लेकर कई तरह के डर हैं। अभी जो लोग वैक्सीनेशन से छूटे हुए हैं, वे वही लोग हैं, जिनमें डर है। इन्हें वैक्सीन लगवाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
वैक्सीन को लेकर अभी भी गलतफहमियां
शिवपुरी के ग्रामीण इलाकों में अभी भी वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में गलतफहमियां हैं कि कोरोना टीका लगने के कुछ साल बाद आदमी की मौत हो जाती है। यही कारण है कि शहरों के मुकाबले गांवों में कोरोना वैक्सीनेशन पिछड़ा हुआ है। बैराड़ व खनियांधाना में डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन टीम को देख ग्रामीण घर छोड़कर भाग गए थे। इन्हें मुश्किल से पकड़कर टीका लगवाया गया।