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BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त फैसला ले सकती है। इस पर शिवराज सरकार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, होम (ACS, Home) की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया है। बीते कुछ महीनों में प्रदेश में कई बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में जान गंवानी पड़ी है, इसे देखते हुए सरकार ऑनलाइन गेम को अपराध की श्रेणी में शामिल करने जा रही है। इसके लिए जुआ सट्टा कानून में बदलाव किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने 154 साल पुराने 'सार्वजनिक द्यूत क्रीड़ा अधिनियम 1867' कानून खत्म करके नया कानून बनाने का प्रस्ताव गृह विभाग (Home department) को भेजा है।
कर्नाटक सरकार ने नया लॉ बनाया, केंद्र की भी तैयारी
हाल ही में कर्नाटक सरकार (Karnataka Govt) ने भी कानून बनाकर MPL (मोबाइल प्रीमियर लीग) जैसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप (online gaming app) को बैन किया है। सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक के कानून के खिलाफ भारत की गेमिंग कंपनियां कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रही हैं। गेमिंग ऐप फेंटेसी क्रिकेट और फुटबॉल गेम ऑफर करती हैं, जिसमें आप असल-पैसे भी कमा सकते हैं।
अंग्रेजी हुकूमत के सार्वजनिक द्यूत क्रीड़ा अधिनियम 1867 (public gambling act 1867) कानून बनाया गया था। 154 साल पुराने इस कानून में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं। लेकिन इसके बाजवूद यह अधिनियम ऑनलाइन जुआ गतिविधियों को रोकने में सक्षम नहीं है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार अब इस कानून को समाप्त करने जा रही है। केन्द्र ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने स्तर पर अलग कानून बनाएं।