मध्यप्रदेश बीजेपी में होने वाले हैं चौंकाने वाले बदलाव, इन बड़े चेहरों पर गिर सकती है गाज!

author-image
Harish Divekar
एडिट
New Update
मध्यप्रदेश बीजेपी में होने वाले हैं चौंकाने वाले बदलाव, इन बड़े चेहरों पर गिर सकती है गाज!

BHOPAL. मध्यप्रदेश में बीजेपी में बहुत से दिग्गज, मंत्री और प्रभारियों की उल्टी गितनी शुरू हो चुकी है। तो, अब गिनती गिननी है 4,3,2,1। बस 4 की उल्टी गिनती काफी है और बस फिर करना है धमाके का इंतजार। आज से जोड़कर चौथे दिन बीजेपी में बड़ी और बेहद अहम बैठक होने  वाली है। और अब से 5 महीने के बाद जो महीना होगा वो चुनावी महीना होगा। चौथे दिन होने वाली बैठक में जो फैसले लिए जाएंगे, वो तय करेंगे कि 5 महीने बाद बीजेपी किस तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतर सकती है।





चौंकाने वाले फैसले लेगी बीजेपी!





कर्नाटक में हार के बाद अब बीजेपी की मुश्किलें पहले से दोगुनी हो चुकी हैं। इसलिए उम्मीद यही है कि अब बीजेपी कुछ चौंकाने वाले फैसले लेगी। सिर्फ प्रदेश स्तर पर ही नहीं। असल धमाका तो आलाकमान के स्तर से होगा। जो छोटे से लेकर बड़े पद तक बड़े बदलाव कर सकते हैं। उम्मीद ऐसे चौंकाने वाले फैसलों की है जो न सिर्फ अपने लोग बल्कि मतदाता को भी हैरान करे।





कर्नाटक चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए सदमा





कर्नाटक के चनावी नतीजे बीजेपी के लिए किसी सदमे से कम नहीं हैं। कर्नाटक में जो हुआ सो हुआ, लेकिन उसकी आंच से मध्यप्रदेश में बीजेपी के कई नेताओं का झुलसना तय है। ये तो तय है ही कि अब आलाकमान का पूरा फोकस मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होगा। इसमें भी सबसे खराब हालात मध्यप्रदेश के हैं। जहां 20 साल की सत्ता के खिलाफ जमकर नाराजगी है। मतदाता तो नाराज हैं ही खुद पार्टी के कार्यकर्ता भी नाराज हैं। कुछ दिन पहले पार्टी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि कांग्रेस में इतनी ताकत नहीं कि बीजेपी को हरा दे। बीजेपी को खुद बीजेपी ही हराएगी। पार्टी में जिस तेजी से बगावत नजर आ रही है उसे देखते हुए विजयवर्गीय की ये बात 100 फीसदी सही भी दिखाई देती है।





सर्वे में सामने आई जमीनी स्तर पर नाराजगी





बीजेपी के जितने सर्वे हैं उनका लब्बोलुआब भी यही है कि जमीनी स्तर पर नाराजगी बहुत ज्यादा है। सत्ता, संगठन और व्यक्तिगत हर तरह के सर्वे बीजेपी के लिए बुरे समाचार ही बता रहे हैं। इन सब मुद्दों पर चर्चा का वक्त अब खत्म हो चुका है। अब सख्त फैसले लेने का वक्त आ चुका है। संभवतः इसकी शुरुआत 19 मई से हो भी जाएगी जब बीजेपी की कार्य समिति की बड़ी बैठक होनी है।





मध्यप्रदेश में आलाकमान की तिकड़ी करेगी उठापटक





इस बैठक में  मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष समेत ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कुछ और भी नेता होंगे। जो सख्त फैसले के लिए जुटेंगे। पर, असल फरमान तो आलाकमान के स्तर से ही जारी होगा। सुगबुगाहटें ये हैं कि अब आलाकमान की तिकड़ी मध्यप्रदेश में बड़ी उठापटक करने के मूड में आ चुकी है, जिसका शिकार प्रदेश की अग्रिम पंक्ति के नेताओं से लेकर आखिरी पंक्ति के कार्यकर्ता तक कोई भी हो सकता है। सबसे पहली तलवार शिवराज कैबिनेट पर लटक सकती है और उसके बाद किसी की भी बारी आ सकती है। पर, अब वेट एंड वॉच की स्थिति खत्म हो चुकी है। एमपी में जो होगा बहुत तेजी से होना होगा।





हालात जटिल और आलाकमान तत्पर





छोटे-मोटे फैसलों की घड़ी अब बीत चुकी है। अब हालात जटिल हैं और आलाकमान तत्पर। मध्यप्रदेश में बीजेपी सुलग रही है और अब कर्नाटक के नतीजों ने अंदर ही अंदर जल रही आग को हवा दे दी है। कारण वाजिब भी है। कर्नाटक और मध्यप्रदेश के हालात कमोबेश एक से हैं। मध्यप्रदेश से पहले वहां भी ऑपरेशन लोटस हुआ। उसके बाद बीजेपी की सरकार चलती रही। दल-बदल करने से जो हालात वहां पनपे वही हालात मध्यप्रदेश में भी हैं। जिनका खामियाजा बीजेपी ने जिस तरह कर्नाटक में उठाया है। उसी तरह मध्यप्रदेश में भी उठाना पड़ सकता है। जमीनी हालात का इशारा भी कुछ यही है। कार्यकर्ताओं की वही नाराजगी। अफसरशाही बेलगाम, दलबदल के बाद बेगाने हुए नेताओं की बगावत सबकुछ कांग्रेस के लिए प्लस पॉइंट साबित हो सकता है। उस पर कर्नाटक की जीत ने कांग्रेस का जोश भी हाई कर दिया है।





मध्यप्रदेश में होंगे कुछ बड़े बदलाव





इन हालातों के बाद अब लगता है कि मध्यप्रदेश में कुछ बेहद बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं। ये बात बेमानी हो सकती थी, लेकिन जिस तरह की खलबली और बेचैनी बीजेपी खेमे में नजर आती है उसे देखते हुए लगता है कि आलाकमान भी सख्त फैसले का इशारा कर चुके हैं। जिसका असर शिवराज कैबिनेट पर पड़ सकता है। कैबिनेट में फेरबदल लंबे अरसे से टल रहा है। अब नाराजगी कम करने की गरज से कुछ मंत्रियों का कद घट सकता है। रिपोर्ट में नॉन परफॉर्मर साबित हो रहे मंत्री कैबिनेट से बाहर हो सकते हैं। जिसके बाद अलग-अलग अंचलों के समीकरण साधने पर फोकस होगा।





सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पर भी लटकी तलवार!





सिर्फ कैबिनेट ही क्यों संगठन के अहम पद और जिला प्रभारियों के चेहरों में भी बदलाव हो सकता है। अपना कार्यकाल पूरा कर चुके प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा क्या इससे बच सकेंगे और क्या शिवराज सिंह चौहान चुनाव आने तक कुर्सी पर बने रहेंगे। सवाल बहुत से हैं जिनका जवाब अब जल्दी ही मिलेगा। माना जा रहा है कि मोदी, शाह और नड्डा की तिकड़ी का जो भी फैसला होगा वो चौंकाने वाला होगा। जिसका असर बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक में नजर आएगा। पर बात सिर्फ इस पर आकर अटकती है कि पहले से सुलग रहे मध्यप्रदेश में आलाकमान कितना रिस्क लेना चाहेगा। अब जो भी फैसला होगा वो या तो बहुत सख्त होगा। या फिर भीतर से सुलगते और ऊपर से शांत नजर आ रहे मध्यप्रदेश को इसी तरह रहने दिया जाएगा और मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।





द सूत्र का स्पेशल प्रोग्राम न्यूज स्ट्राइक देखने के लिए क्लिक करें.. NEWS STRIKE





कर्नाटक से सबक लेने के लिए बीजेपी के पास बहुत कुछ





कर्नाटक से सबक लेने के लिए बीजेपी के पास बहुत कुछ है। हर किसी मुद्दे को हिंदुत्व का मुद्दा बनाकर वोटों पोलराइजेशन नहीं हो सकता। ये पहला सबक है। और दूसरा ये कि पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे के दम पर ही स्थानीय चुनाव नहीं जीता जा सकता। खासतौर से तब जब जनता में नाराजगी बहुत ज्यादा हो। मेंटर भले ही मोदी जैसा हो, लेकिन असल इम्तिहान तो स्थानीय नेता को ही पास करना है। अब आलाकमान की कोशिश यही होगी कि जिन चेहरों से नाराजगी है, उन्हें मतदाता से ही दूर कर दिया जाए, लेकिन इस फैसले ने अगर बगावत के तौर पर यू टर्न ले लिया तो चुनावी गाड़ी मध्यप्रदेश में भी कमल को ही रौंदकर गुजरती नजर आएगी।



मध्यप्रदेश बीजेपी मध्यप्रदेश बीजेपी में होंगे बड़े बदलाव There will be big changes in Madhya Pradesh BJP Madhya Pradesh BJP ज्योतिरादित्य सिंधिया Jyotiraditya Scindia मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव सीएम शिवराज Madhya Pradesh Assembly elections CM Shivraj