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संजय गुप्ता, INDORE. सिंधी समाज संत के दरबारों में गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर उठे विवाद के बाद सभी 30 से ज्यादा दरबारों में रखे गए 90 गुरू ग्रंथ साहिब को गुरू सिंघ सभा को लौटा दिया गया है। कुछ दिनों पहले इस मुद्दे को लेकर सिंधी समाज संत और सिख समाज के बीच विवाद की नौबत आई गई थी। कारण है कि अमृतसर से आए निहंग दल ने कुछ पार्श्वनाथ कॉलोनी और राजमहल कॉलोनी स्थित दरबार में वहां के संतों से यह कहकर विवाद किया कि गुरू ग्रंथ साहिब की मर्यादा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और यदि इन्हें रखना है तो फिर वहां से मूर्ति और गुरू की फोटो आदि हटाएं। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद संयुक्त तौर पर सिंधी समाज संत की बैठक हुई और इसमें एक पत्र लिखकर दिया गया जिसमें कहा गया कि गुरू ग्रंथ साहिब की विधि का पूरा पालन नहीं किया जा पा रहा है, ऐसे में हम इनकी सम्मानपूर्वक विदाई कर आपको वापस दे देते हैं।
कमेटी ने मिलकर लिया फैसला
इस विवाद के निराकरण के लिए समाज ने एक कमेटी भी बनाई थी जिसमें प्रकाश राजदेव, लालचंद छाबड़ा. नानक दबानी, घनशायमा मालानी, धणेश मटई शामिल थे। कमेटी ने ग्रुरू सिंघ सभा के सचिव जसवीर सिंह गांधी के साथ बैठक की और फिर फैसला की कॉपी उन्हें दी। जिसके बाद सभी दरबारों से यह पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब को लेकर गुरू सिंघ सभा को सौंप दिए गए।
अमृतसर से आया दल, मामले की जांच करेगा
उधर अमृतसर की केंद्रीय गुरू सिंघ सभा के पास यह विवाद पहुंच गया है। इसके बाद यह जांच दल इंदौर आ गया हैं। जांच दल इंदौर सभा के अध्यक्ष रिंकू भाटिया, सचिव गांधी व अन्य पदाधिकारियों से बात कर यह पूरे विवाद की जांच कर रहा है कि आखिर कहां से यह समस्या आई।
सालों से करते रहे हैं पूजा
दरअसल सिंधी समाज में कई लोग गुरू ग्रंथ साहिब में आस्था रखते हैं और उन्हें दरबार में भी रखते हैं, इसके पहले यह विवाद नहीं हुआ। लेकिन कुछ समय पहले निहंग के एक दल ने कुछ दरबार में इस तरह से ग्रुरू ग्रंथ साहिब को रखे जाने पर आपत्ति ली और विवाद भी हुआ, जिसका वीडियो समाज में वायरल हुआ। इसके बाद सिंधी समाज संत ने बैठक कर फैसला लिया कि वह जो कह रहे हैं कि गुरू ग्रंथ साहिब रखना है तो फिर अन्य सामग्री हटाना होगी व अन्य विधि का पालन करना हो, वह संभव नहीं हो पाएगा तो फिर सम्मान गुरू सिंघ सभा को यह वापस कर देना चाहिए।