Jabalpur. जबलपुर में हुए आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े के चलते जेल में बंद सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल की संचालक डॉक्टर दुहिता पाठक और उनके पति डॉ अश्वनी पाठक से एसआईटी ने जेल में घंटों पूछताछ की। बता दें कि एसआईटी को डॉक्टर दंपती से दोबारा पूछताछ के लिए रिमांड नहीं मिली थी। कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद जांच टीम ने गुरूवार को जेल में दस्तक दी और डॉक्टर दंपती से केस के सिलसिले में मिले हुए सबूतों पर पूछताछ की। आरोप है कि निजी अस्पताल ने फर्जीवाड़ा करके सरकार को साढ़े बारह करोड़ का चूना लगाया है।
कर्मचारियों को भी बनाया था मरीज
किडनी अस्पताल से जब्त दस्तावेजों और डाटा का परीक्षण करने पर एसआईटी को यह जानकारी भी मिली कि अस्पताल के 4 कर्मचारियों को अलग-अलग समय में आयुष्मान हितग्राही बनाकर भर्ती किया गया था। इस साक्ष्य को भी गंभीरता से लेते हुए एसआईटी ने डॉक्टर दंपती से पूछताछ की है।
4 कर्मचारियों ने दिया है बयान
सूत्रों के मुताबिक जांच दल को अस्पताल के 4 कर्मचारियों ने बयान दिए हैं कि उन्हें अस्पताल से तनख्वाह मिलती थी और आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने पर कुछ पैसा अलग से मिला था। उनके नाम पर शासन से लाखों रुपए वसूले गए थे। एसआईटी द्वारा जेल में डॉक्टर दंपती से इस संबंध में जब सवाल किए गए तो वे सवालों से बचते रहे।
बता दें कि विगत 28 अगस्त को पुलिस ने सूचना मिलने पर होटल वेगा में छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया था। जहां आयुष्मान योजना के हितग्राही अवैध रूप से भर्ती पाए गए थे। जिसके बाद सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में भी दबिश देकर दस्तावेज जब्त किए गए और डॉक्टर दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया था।