शेख रेहान, Khandwa. सड़क दुर्घटना में महाराष्ट्र की एक महिला की मौत होती है और उसका परिवार खंडवा के अस्पताल में उसके शव को छोड़कर चला जाता है। बेटे पर आरोप लगते हैं कि उसने मां के शव को लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद बेटे के कलयुगी होने की खबरें सुर्खियां बनी। इस बीच बिहार से यवतमाल होते हुए बेटा खंडवा पहुंचा है, जहां उसने कहा है कि हजारों किमी का फासला तय करने में समय लगा, इसलिए यहां आने में देरी हुई।
क्या है पूरा मामला ?
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के वणी गांव की पुष्पा सिंह बेटी निकिता, भतीजे अभिषेक और भतीजी पिंकी के साथ कार में बैठकर बैतूल के बीच देसली होते हुए ओंकारेश्वर की ओर जा रही थी। देसली गांव के पास कार का स्टेयरिंग फेल हो गया और वह पलट गई। हादसे में पुष्पा, निकिता और पिंकी को गंभीर चोट आई, अभिषेक सुरक्षित था। उसने लोगों की मदद से तीनों को खंडवा के जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पुष्पा को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। निकिता और पिंकी की हालत को देखते हुए उन्हें नागपुर के अस्पताल में रेफर कर दिया।
इधर, पुलिस ने पुष्पा का मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए मर्च्युरी में रखवा दिया। बिना पोस्टमार्टम करवाए अभिषेक, पुष्पा का शव यही छोड़कर चला गया। 4 दिन से खंडवा के मोघट थाना के टीआई और समाजसेवी लगातार परिवार के संपर्क में रहे। लेकिन, शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। पुलिस का कहना है कि इस बारे में जब बेटे जोगेन्दर सिंह उर्फ सन्नी से बात की गई तो उसने कहा कि मैं व्यस्त हूं और वहां नहीं आ सकता। वह ट्रैवल कंपनी में एजेंट है।
4 दिन बाद बेटा पहुंचा खंडवा
मृतक पुष्पा का बेटा सन्नी घटना के पूरे 4 दिन बाद खंडवा पहुंचा है। यहां उसने पूरे मामले पर सफाई दी है। उसका कहना कि 25 मई की रात को मां के साथ एक्सीडेंट हुआ था। 26 मई को दोपहर में खंडवा पुलिस ने परिजन को सूचना दी। परिवार वालों ने शाम तक उसे बताया कि मां अब इस दुनिया में नहीं रही। मैं ट्रैवल कंपनी में एजेंट हूं। उस समय बिहार के गोपालगंज में था। उसी दिन शाम को अपने घर यवतमाल के लिए निकला। यवतमाल और गोपालगंज के बीच 1200 किलोमीटर का फासला है। 27 मई की रात को यवतमाल पहुंचा। 28 मई की सुबह परिवार के साथ खंडवा से निकला। वहां से 600 किलोमीटर का सफर तय करके यहां तक पहुंचा। इसलिए इस पूरे मामले में देरी हुई।