इंदौर में ओमप्रकाश रावल स्मृति व्याख्यान में आरएसएस के खिलाफ बोले वक्ता- संघ की राजनीतिक लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा

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Pratibha Rana
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इंदौर में ओमप्रकाश रावल स्मृति व्याख्यान में आरएसएस के खिलाफ बोले वक्ता- संघ की राजनीतिक लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में रविवार (12 फरवरी) को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया सामाजिक समिति ने ओमप्रकाश रावल स्मृति व्याख्यान में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की कार्यशैली को लेकर वक्ताओं ने जमकर नाराजगी जाहिर की। वक्ताओं ने कहा कि संघ परिवार की सांप्रदायिक राजनीति से राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए तो खतरा है ही साथ ही लोकतंत्र के लिए और संविधान के लिए भी बड़ा खतरा है। वक्ता यहां तक बोल गए कि झूठ बोलना और उसे बार-बार बोलना संघ की नीति है। यहां आजादी भाई चारा और बराबरी के मूल्यों के लिए संघ संप्रदाय की राजनीति बहुत बड़ा खतरा है। गांधी,लोहिया,अंबेडकर की वैचारीकी के लिए भी खतरा है।



हिंदू समाज की धार्मिक सहिष्णुता खत्म हो रही



वक्ताओं ने कहा कि संघ और उसके आनुवंशिकी संगठनों ने देश में एक ऐसी राजनीति शुरू की है, जिसने देश की संघीय एकता संविधान की मान्यता और धार्मिक एवं जातीय सहिष्णुता को खत्म कर दिया है। हमें भाषा के मामले में भी दरिद्र बना दिया है। पूरे समाज को गाली बाज बना दिया है। सांप्रदायिक राजनीति का सबसे बड़ा खतरा पूरे हिंदू समाज को है।



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वक्ताओं में यह थे शामिल



समिति के सचिव रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट भंवर मेघवंशी मुख्य वक्ता थे। उन्होंनें कहा कि आज सारे लोकतांत्रिक संस्थान बर्बाद किए जा रहे हैं। न्यायपालिका विधायिका कार्यपालिका और मीडिया की गरिमा गिरा दी गई है। चेक एंड बैलेंस जैसा कुछ बचा नहीं है। जैसा संघ में सरसंघचालक का एकछत्र राज है, वैसी ही तानाशाही निर्वाचित लोगों में भी दिख रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद कल्याण जैन ने की। इस अवसर पर गांधीवादी विचारक अनिल त्रिवेदी ने भी संबोधित किया। अतिथि स्वागत जीवन मंडे चा मंडलेचा और मिलिंद रावल ने किया। प्रबुद्ध जनों से आव्हान किया गया कि हमारा रास्ता अहिंसा का रास्ता है। प्रेम और भाईचारे का रास्ता है, बराबरी और न्याय का रास्ता है, लोकतंत्र और संविधान का रास्ता है, यह लोकायत वह आजिविको , महावीर ,बुद्ध ,कबीर, रैदास, गांधी ,अंबेडकर, लोहिया और ओमप्रकाश रावल  का रास्ता है। हम इस पर चलेंगे और उदारता जीतेगी कट्टरता हारेगी। यह देश और इसका भाईचारा जीतेगा।

 


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