Bhopal. सिवनी के सिमरिया गांव में 3 और 4 मई की दरमियानी रात को आदिवासियों की हत्या के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय विशेष दल का गठन किया है। इस तीन सदस्यीय दल का मुखिया गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को बनाया गया है। इस दल में अखेतो सेमा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल और माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव श्रीकांत भनोट भी शामिल हैं। राज्य शासन ने इस दल से 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
कल आदिवासियों के बीच पहुंचेगा दल
गृह विभाग के एसीएस राजेश राजौरा की मौजूदगी में ये दल कल 15 मई से सिवनी जिले का दौरा करेगा। ये दल घटना स्थल का दौरा कर घटना के कारण, पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर जांच करने के साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपाय भी अपने प्रतिवेदन में देगा। जांच दल दोपहर में ग्राम सिमरिया का भ्रमण कर चौकी बादलपुर थाना कुरई में अभिलेखों का पर्यवेक्षण करेगा। इलके साथ ही जिला ही जनप्रतिनिधियों, पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद घटना की गोपनीय सूचनाओं के संबंध में आम लोगों से मुलाकात करेगा।
मॉब लिंचिंग में आदिवासियों की मौत के आरोप
सिवनी के सिमरिया गांव में 3 और 4 मई की दरमियानी रात को कुछ लोगों ने आदिवासियों के साथ मारपीट की थी। इस घटना में संपत और धानसा की हत्या हुई थी। वहीं ब्रजेश घायल हुआ था। पुलिस ने इस मामले में हत्या के साथ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है। साथ ही गिरफ्तारी भी की गई है। कांग्रेस ने इसे मुददा बनाते हुए बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर गौवंश वध की आशंका में आदिवासियों से मारपीट के आरोप लगाए थे। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने घटनास्थल पर पहुंचकर इसे सरकार की नाकामी बताते हुए इसमें बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर आदिवासियों की हत्या का आरोप लगाया था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी आदिवासी विधायकों की मौजूदगी में पार्टी का जांच दल सिवनी भेजा था जिसे आदिवासियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था।