संजय गुप्ता, INDORE. विकास यात्रा शासकीय दायित्व कैसे हो सकता है? ये तल्ख टिप्पणी हाईकोर्ट इंदौर बेंच ने एक पंचायत सचिव की याचिका पर की है। इसके साथ ही सचिव के निलंबन पर स्टे देते हुए सरकार से 4 सप्ताह में जवाब भी मांगा है। शाजापुर जिले के जनपद पंचायत बड़ोदिया के पंचायत सचिव मेहरबान गुर्जर की याचिका पर ये फैसला हुआ है।
ये है मामला
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष यादव ने बताया कि 15 फरवरी को बीजेपी के आह्वान पर निकाली जा रही विकास यात्रा के तहत जनपद पंचायत बड़ोदिया जिला शाजापुर में भी प्रस्तावित थी, जिसमें पंचायत के सभी कर्मचारियों को भी व्यवस्था के शासकीय निर्देश दिए गए थे। पंचायत सचिव मेहरबान गुर्जर को भी विकास यात्रा का मंच लगाने की जिम्मेदारी दी गई जो उन्होंने लगाया भी, लेकिन यात्रा निकल जाने के बाद ये कहकर निलंबित कर दिया कि काम व्यवस्थित नहीं किया गया और लापरवाही की गई। जनपद सीईओ ने निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
कोई संवैधानिक दायित्व नहीं बनता
अधिवक्ता मनीष यादव और मेहुल वर्मा ने हाईकोर्ट में तर्क रखे कि ये यात्रा राजनीतिक आयोजन है और इसके लिए शासकीय सेवकों को आदेश नहीं दिए जा सकते हैं। इसमें काम को लेकर संवैधानिक दायित्व नहीं तय किए जा सकते हैं और ना ही इस आधार पर निलंबित किया जा सकता था, क्योंकि उन्होंने काम में लापरवाही या वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश का उल्लंघन नहीं किया। स्थानीय नेताओं ने दबाव बनाकर ये कार्रवाई कराई है। तर्कों से सहमत हुए जस्टिस ने ये टिप्पणी करते हुए निलंबन पर स्टे दे दिया।