Satna. मैहर में बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र शास्त्री की रामकथा 3 मई से 7 मई तक होने वाली थी। आयोजन की तैयारियां चल ही रही थीं कि बागेश्वरधाम से एक पैगाम आया और कथा करने से इनकार कर दिया गया। पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा स्थगित होने की खबर फैलते ही मैहर और आसपास के जिलों के श्रद्धालुओं का दिल बैठ गया है, वहीं कथा के आयोजक नारायण त्रिपाठी ने कथा स्थगित होने के पीछे राजनैतिक दबाव का हवाला देते हुए बड़ी बात कह दी है।
नई पार्टी बनने से कई लोग परेशान- नारायण त्रिपाठी
विधायक नारायण त्रिपाठी ने बताया कि कथा की सहमति बन गई थी, सब कुछ ओके था लेकिन अचानक महाराज जी ने कथा करने से मना कर दिया। सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। नारायण त्रिपाठी बोले कि प्रदेश के कई नेता चाहते हैं कि विंध्य की धरती पर कोई बड़ा आयोजन न हो और नई पार्टी बनने से भी प्रदेश के कई बड़े नेता परेशान हैं। 4 दिन पहले ही विधायक नारायण त्रिपाठी ने विंध्य प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में विंध्य जनता पार्टी बनाने का ऐलान किया था।
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कुछ लोगों ने कान भर दिए
विधायक नारायण त्रिपाठी ने बताया कि यह सब राजनीतिवश हुआ है। कुछ लोगों ने पं. धीरेंद्र शास्त्री के कान भर दिए और कथा स्थगित करा दी। कथा का उद्देश्य तो महज क्षेत्र की जनता के मन में सुख शांति के साथ धार्मिक भावनाएं जागृत करने का था, लेकिन राजनेता इसे कुछ और समझ बैठे होंगे।
2020 में ही खट्टे कर लिए थे संबंध
बता दें कि नारायण त्रिपाठी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलते ही नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस से परोक्ष रूप से हाथ मिला लिया था। कई बार उन पर क्रास वोटिंग करने के भी आरोप लग चुके थे। ऐसे हालात में नारायण त्रिपाठी का पाला बदलना मजबूरी ही थी, क्योंकि बीजेपी में उन्हें न तो टिकट दिया जाता और न ही कोई पूछपरख होनी थी। जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस में न जाकर अपनी पार्टी बनाने का निर्णय ले लिया। अब देखना यह होगा कि बागेश्वरधाम सरकार की कथा स्थगित होने के बाद नारायण त्रिपाठी क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद प्राप्त करने क्या करते हैं।
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