Bhopal. सोशल मीडिया पर अंशुमान सैल नाम के ट्विटर यूजर ने बीते दिनों माधवराव सिंधिया का एक पुराना इंटरव्यू पोस्ट किया है। जिसकी आड़ में दिग्विजय सिंह ने ज्यातिरादित्य को सीख दे दी। वीडियो पर रिट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि - क्या हमारे युवा महाराजा बीजेपी के जहरीले सांप्रदायिक प्रचार के खतरों के बारे में अपने दिवंगत पिता का कहना सुनेंगे? दिग्गी ने आगे लिखा - काश स्वर्गीय माधवराव जी आज हमारे साथ होते और देखते कि कैसे बीजेपी भारत को नफरत और हिंसा के रास्ते पर लिए जा रही है।
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पिछले दिनों करार दिया था गद्दार
बीते दिनों दिग्विजय सिंह पूर्व कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कटाक्ष कर चुके हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहकर, सारे पद पाकर, सत्ता का सुख भोगकर आलोचना कर रहे हैं? उन्होंने राहुल गांधी के प्रति आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया। दिग्गी ने यह भी लिखा कि - इन्हें गद्दार नहीं तो और क्या कहें?
मध्यप्रदेश की राजनीति में यह सर्वविदित है कि सिंधिया परिवार की तरक्की में हमेशा दिग्विजय सिंह ने रोड़े अटकाए। साल 1993 में माधवराव सिंधिया के मुख्यमंत्री बनने के प्रबल आसार थे। वे दिल्ली से फोन आने का इंतजार करते रह गए थे और दिग्विजय सिंह-कमलनाथ ने एक होकर उनके अरमानों पर पानी फेर दिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा पहुंचने की हसरत पर भी दिग्विजय सिंह रास्ता रोककर खड़े हो गए थे। जिस कारण उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके पिता के एक वीडियो की आड़ में निशाना साधा है।
2018 में भी कमलनाथ से मिलाया था हाथ
दिग्विजय सिंह ने 2018 के वक्त भी कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने की पैरवी की थी, जिसके चलते एक बार फिर सिंधिया परिवार के हाथ से सीएम की गद्दी जाती रही। इसके बाद दिग्विजय सिंह लगातार सिंधिया समर्थक मंत्रियों को परेशान करते रहे। लोकसभा का चुनाव हारने के बाद ज्योतिरादित्य ने जब राज्यसभा जाने की कोशिश की तो दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के साथ मिलकर मुश्किलें खड़ी कर दी थीं।