BHOPAL. मध्यप्रदेश में इस बार अप्रैल में सूरज के तीखे तेवर कुछ कम होने वाले हैं। दरअसल, मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोप के एक्टिव होने के कारण प्रदेश के बड़े शहरों का पारा 40 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। वहीं पिछले दो सालों से प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में 43 डिग्री तक पहुंच गया था, जबकि जबलपुर में 44 डिग्री को छू लिया था। ग्वालियर में तो तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच चुका था।
मौसम वैज्ञानिकों ने की स्टडी
मौसम वैज्ञानिक अशफाक हुसैन ने बताया कि प्रदेश में एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोप आ रहे हैं। पिछले 10 साल में की गई स्टडी में यह पाया गया है कि प्रदेश के चारों महानगरों तेजी से तापमान बढ़ा है। लेकिन इस साल पश्चिमी विक्षोप के लगातार आने से तापमान में गिरावट रहने का अनुमान है। 8 अप्रैल को ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में पश्चिमी विक्षोप एक्टिव होने वाला है। इसके बाद तापमान बढ़ेगा। यदि चारों बड़े शहरों की बात करें तो यहां पारा 40 डिग्री के आसपास ही रहेगा।
कहां कितनी हुई बारिश
नीमच के जावद में 3 मिमी, विदिशा के कुरवाई में 2, गुना के आरोन में 2, दमोह के हटा में 2, सिटी में 1, टीकमगढ़ शहर में 2, उमरिया के मानपुर में 1.2, चंदिया में 0.2, सागर के बंडा में 1, कटनी के पिपरौंध में 0.5 मिमी पानी गिरा। भोपाल के बैरागढ़ और कोलार, अशोकनगर, नर्मदापुरम, देवास, सीहोर में भी बूंदाबांदी हुई।
10 अप्रैल तक ऐसा होगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल की शुरुआत से ही प्रदेश में पश्चिमी विक्षोप एक्टिव हो जाएगा। भोपाल समेत प्रदेश के ज्यादातर शहरों में बादल और बारिश का दौर चल रहा है। 10 अप्रैल तक ऐसा ही मौसम रहेगा। इसके बाद पारा तेजी से रफ्तार पकड़ेगा।
1996 में 44 डिग्री पर पहुंचा था पारा
प्रदेश की राजधानी भोपाल में 29 अप्रैल 1996 को अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। इस महीने भोपाल में बारिश-आंधी के आसार भी बने थे। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से अप्रैल में बारिश का दौर चल रहा है। 20 अप्रैल 2013 को भोपाल में 24 घंटे के भीतर 30.8 मिमी यानि, एक इंच से ज्यादा बारिश हुई थी।
7 अप्रैल तक बदला रहेगा मौसम
राजधानी भोपाल में 7 अप्रैल तक हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 7 अप्रैल को धूप-छांव और बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा। 10 अप्रैल तक मौसम का मिजाज बदला सा रहेगा। 5 और 6 अप्रैल को बादलों का दौर भी आएगा। जिसका असर 10 अप्रैल तक रहेगा। इस कारण पारा 40 डिग्री के आसपास ही रहेगा।
राजस्थान की हवाओं में बन रहा चक्रवात
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो वर्तमान में उत्तर-पूर्वी राजस्थान और उससे लगे हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात एक्टिव है। पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। पूर्वी उत्तर प्रदेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इस चक्रवात से लेकर छत्तीसगढ़ होते हुए तमिलनाडु तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। हालांकि पर्याप्त नमी नहीं रहने के कारण तेज बारिश होने की संभावना कम दिखाई दे रही है।