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KHANDWA. मध्य प्रदेश में खंडवा जिले के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचने के लिए नर्मदा नदी पर बने पैदल झूला पुल के सस्पेंडर का तार 15 फरवरी, बुधवार सुबह टूटने से हड़कंप मच गया। इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। जिला प्रशासन ने हड़बड़ी में नए पुल से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी। एहतियात के तौर पर झूला पुल के दोनों गेट बंद कर दिए। एनएसडीसी की टीम और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पुल की जांच की जा रही है। ।
महाशिवरात्रि तक झूला पुल ठीक करना है जरूरी
एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी ने बताया, 15 फरवरी को सुबह के समय झूला पुल के तार टूटने की खबर मिली थी। मौके पर एनएचडीसी के इंजीनियर और अफसर भी आ गए थे। झूला पुल का मेन तार टूटना बताया है। इंदौर से इंजीनियर आकर देखेंगे। इसके बाद रिपेयरिंग का काम होगा। एनएचडीसी ने आश्वस्त किया है कि महाशिवरात्रि तक झूला पुल को ठीक कर दिया जाएगा।
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दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की है संभावना
ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए नया झूला पुल 18 साल पहले बनाया गया था। सिंहस्थ 2004 में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एनएचडीसी ने 7 करोड़ रुपए की लागत से 235 मीटर लंबे ममलेश्वर सेतु (झुला पुल) का निर्माण किया था। कुछ समय पहले गुजरात के मोरबी में झूला पुल गिरने पर ओंकारेश्वर के झूला पुल की भी जांच की गई थी। तब इसे पूरी तरह सुरक्षित बताया गया था। महाशिवरात्रि 18 फरवरी की है। दूसरे दिन रविवार और सोमवार को सोमवती अमावस्या भी आ रही है। इस तरह तीन दिन में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
महाशिवरात्रि पर देशभर से श्रद्धालु ओंकारेश्वर आते हैं
यह पुल ब्रह्मपुरी से शिवपुरी के बीच बना हुआ है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण प्रसिद्ध है। इसलिए महाशिवरात्रि पर प्रदेश और देशभर से लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। बताया जा रहा है सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के चलते महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं का ओंकारेश्वर में अधिक दबाव है।