क्यों दुखी हैं सीएम के ओएसडी, किसने खरीदी 7 करोड़ की कोठी 4 करोड़ में, साहब रहेंगे या जाएंगे 

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Harish Divekar
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क्यों दुखी हैं सीएम के ओएसडी, किसने खरीदी 7 करोड़ की कोठी 4 करोड़ में, साहब रहेंगे या जाएंगे 

हरीश दिवेकर, BHOPAL. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जेल में करवा रहे हैं मसाज, वीडियो हुआ वायरल। गुजरात चुनाव में श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब के बहाने गुजरात चुनाव में हो गई लव जिहाद की एंट्री। प्रदेश में एंट्री करेगी राहुल की भारत जोड़ो यात्रा और टीम इंडिया-न्यूजीलैंड में टी-20 सीरीज का दूसरा मुकाबला। खबरें तो और भी हैं, आप बस अब सीधे नीचे उतर आअए और बोल हरि बोल की रोचक खबरों में गोते लगाइए....





सबसे बड़ा सवाल साहब जाएंगे या रहेंगे





मंत्रालय से लेकर राजनीतिक गलियारों में इन दिनों हर कोई एक सवाल का जवाब जानने की कोशिश कर रहा है कि प्रशासनिक मुखिया का इकबाल बुलंद रहेगा या फिर होगी रवानगी। बड़े साहब के रिटायरमेंट में 10 दिन बचे हैं, लेकिन अब तक न तो सूबे के मुखिया ने कोई संकेत दिए हैं, न ही पांचवीं मंजिल पर पदस्थ आला अफसरों को कुछ पता है। मंत्रालय के आला अफसर बैठकों में लगातार साहब के चेहरे और बॉडी लैंग्वेज से पता करने में लगे हैं कि साहब जाएंगे या रुकेंगे लेकिन साहब के चेहरे पर हमेशा की तरह सपाट भाव ही नजर आ रहे हैं, ऐसे में अंधेरे में तीर चलाकर अफसर एक दूसरे को दिलासा दे रहे हैं। सबसे ज्यादा बैचेनी दावेदारों की भी है। सब अपना अपना जोर लगा चुके हैं, बस रिजल्ट जारी होने का इंतजार हो रहा है। 





दामाद जी उलझ गए





ससुराल में नंबर बढ़ाने के फेर में दामाद जी ने अति उत्साह में आकर ससुर को ऊंचे ओहदे पर पदस्थ क्या करवाया। दिलजलों को मौका मिल गया, उन्होंने ऐसा ढिंढोरा पिटवाया कि दामाद जी अपने पॉवर के दम दिखाकर खेल कर रहे हैं। सबसे चौकाने वाली बात ये है कि विपक्ष जितना हंगामा करता उससे ज्यादा पार्टी के लोगों ने ही मीडिया को फोन लगा लगा कर इसका ढिंढोरा पीटा। सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल करवाया। ये पहली बार नहीं है कि दामाद जी को घेरा गया हो, लेकिन इस बार मामला थोड़ा ज्यादा गंभीर होता दिख रहा है। दरअसल दामाद जी का कार्यकाल दिसंबर में पूरा हो रहा है, ऐसे में दिलजले नहीं चाहते उनका कार्यकाल बढ़े, इसलिए पार्टी हाईकमान तक इस बात को पहुंचाकर बताया गया कि इससे प्रदेश में गलत संदेश गया है और विपक्ष को हमला बोलने का मौका मिला है। दामाद जी को पता है कि कौन उनके पीठ में छुरा घोंप रहा है, सो उन्होंने भी जवाबी हमले की तैयारी कर ली है। बस सही समय का इंतजार है।





मंत्री का दबदबा, 7 करोड़ की कोठी 4 करोड़ में खरीदी





मंत्री रसूखदार और दबंग न हो तो क्या मतलब। भई मंत्री बने हैं तो क्या दूसरों की सेवा में ही लगे रहेंगे,  अपना कल्याण करना भी बनता है ना। एक मंत्री ने इस फार्मूले को आत्मसात कर लिया, राजधानी के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी में एक कोठी पर दिल आते ही, उसके मालिक को तलब किया गया। मालिक आता उसके पहले उसके मोटर कार वाले कारोबार की कुंडली बुलवा ली गई। उसे बताया गया कि बड़ा गड़बड़झाला किए हो, लंबे उलझोगे, सुलझते-सुलझते सालों लग जाएंगे। इसलिए मांडवाली कर लो। मरता क्या न करता मंत्री के रुतबे के आगे झुक गया अपनी 7 करोड़ की कोठी का सौदा 4 करोड़ में करके अपनी जान छुड़ाई। मंत्री की दंबगई की खबर चुगलखोरों ने सूबे के मुखिया तक पहुंचा दी है, देखना है कि क्या वे मंत्री को बुलाकर समझाइश देते हैं या फिर सही समय का इंतजार। आप मंत्री का नाम जानना चाहते हैं तो दौड़ाइए अपने हरिराम को पता चल जाएगा, बड़े नामी मंत्री हैं। 





एक फरमान से हैरान





बीजेपी पदाधिकारी के एक फरमान ने जिलाध्यक्षों को हैरान कर रखा है। अब पद पर रहना है ​तो टिवटर पर हजारी और फेसबुक पर लखपति होना होगा। जिसके सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स कम होंगे उसकी रवानगी तय है। फरमान जारी होते ही जिलाध्यक्ष संगठन का काम-धाम छोड़ प्रायवेट कंपनी के चक्कर काट रहे हैं। कोई फर्जी फॉलोअर खरीदकर पद बचाने की जुगत लगा रहा है तो कोई फॉलोअर्स बढ़ाने की टिप्स ले रहा है।  कुछ जिलाध्यक्ष तो मजाक में ये तक कह रहे हैं कि हमसे तो एक्चुअल फॉलोअर्स ही नहीं संभाले जा रहे, अब ​वर्चुअल फॉलोअर्स को बनाए रखने का नया झमेला और मिल गया। कुछ कह रहे हैं कि अब संगठन का काम करें या ​वर्चुअल दुनिया में जगह बनाने के लिए प्रायवेट कंपनी के चक्कर काटें। तो कुछ सलाह दे रहे हैं, संगठन को मजबूत करो या न करों वर्चुअल दुनिया का दिखावा जरुर करो। इसी से नेतागिरी चलेगी।





दुखी हैं सीएम के ओएसडी





सरकारी सिस्टम की बिगड़ी चाल से सीएम के एक ओएसडी खासे दुखी हैं। जनसंपर्क अधिकारियों को बेहतर प्रचार-प्रसार के लिए बुलाई गई वर्कशॉप में ओएसडी साहब का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि तेजी से कंटेंट डालना और बार-बार पौधा लगाने की खबर बनाने से कम्युनिकेशन नहीं ​बनेगा। उन्होंने कहा कि मैं समझा-समझा कर थक गया हूं लेकिन हमारे साथी समझते ही नहीं। मैं अच्छी खासी प्राइवेट नौकरी और पैकेज छोड़कर सरकार मे आकर फंस गया। यहां सिस्टम नाम की चीज ही नहीं है, कोई रिजल्ट ओरिएंटेड काम ही नहीं करता। ओएसडी के दर्द को सुनकर जनसंपर्क अधिकारी आपस में खुसपुसाते रहे, कि आखिर किस ज्ञान माने, एक ओएसडी मीडिया देख रहे हों तो समझ आए, हर दूसरा ओएसडी मीडिया सलाहकार है। बता दें कि संघ की सिफारिश पर सीएम के ओएसडी बने इन साहब ने बड़े जोश के साथ. पूरे घर के बदल डालूंगा वाली स्टाइल में अपनी आमद दी थी। ओएसडी ने शुरु में जोर मारा भी, लेकिन पहले से जमे लोगों के आगे पंडितजी की चल नहीं पा रही है।   





हम ही सरकार, हम ही कानून





असली सरकार तो अफसर ही हैं साहब, नेता तो हर पांच साल में बदल जाते हैं, लंबे समय तक टिककर राज तो अफसर ही करते हैं। अफसरों में ये भाव आम है कि हम ही सरकार हैं और हम ही कानून। तभी तो देखिए आईएएस ऑफिसर्स  एसोसिएशन की पार्टी में जमकर जाम से जाम टकराए गए। कुछ तो पीकर इतने टल्ली हो गए कि दूसरों की पार्टी का मजा किरकिरा कर दिया। रिटायर्ड महिला आईएएस के टल्ली होकर डांस करने का वीडियो भी चर्चा में है। मजाल है किसी की जो आबकारी एक्ट के तहत बिना लाइसेंस के शराब परोसने का मामला दर्ज कर लें। अरे भाई आबकारी आयुक्त से लेकर प्रमुख सचिव तक सभी तो आईएएस ही हैं। कोई अपने पर मुकदमा दर्ज करता है क्या। नियम तो आम आदमी के लिए हैं, जिसका कोई धनी धोरी नहीं है। उन पर कानून सख्ती से काम करता है।  





कार को लेकर भिड़े दो सीनियर आईएएस





प्रमुख सचिव स्तर के दो सीनियर आईएएस अफसर एक कार को लेकर ​आपस में भिड़ गए। ​मजेदार बात ये हे कि दोनों अफसर अपने लिए नहीं ​बल्कि अपने अधिनस्थ को कार की सुविधा देने के लिए लड़ रहे हैं। वर्तमान साहब का कहना है कि मैडम एक तो गलत तरीके से कम्प्यूटर ऑपरेटर को कार अलॉट करवाई थी। तबादला हुआ तो कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ कार को भी ले गईं। विभाग में आते ही साहब ने अपनी पसंद की महिला अधिकारी को मंत्रालय में अटैच करवाया है अब साहब उसे कार देना चाहते हैं। साहब ने संचालनालय से कार देने को कहा तो वहां के अफसरों ने कहा कि तत्कालीन प्रमुख सचिव ने कम्प्यूटर ऑपरेटर को कार दी थी अब मैडम उसे वापस नहीं कर रही हैं। दोनों अफसरों का अपने अधीनस्थों के लिए लड़ना विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।  



 



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