जबलपुर में एमयू की ईसी बैठक के मिनट्स से छेड़छाड़, आपत्ति दरकिनार कर बिना मापदंड वाले कॉलेजों को दी संबद्धता

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
जबलपुर में एमयू की ईसी बैठक के मिनट्स से छेड़छाड़, आपत्ति दरकिनार कर बिना मापदंड वाले कॉलेजों को दी संबद्धता

Jabalpur. जबलपुर की मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी की महिमा भी एमपी की तरह अजब-गजब है। ताजा मामला ईसी बैठक के मिनिट्स ऑफ मीटिंग का है। दरअसल हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने असंबद्ध नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों की परीक्षा को लेकर फटकार लगाई थी। तो एमयू प्रबंधन ने नया खेल रचते हुए मापदंडों पर खरे नहीं उतरने वाले डी ग्रुप के नर्सिंग कॉलेजों को संबद्धता प्रदान कर दी। जबकि कार्यपरिषद के सदस्यों ने संबद्धता दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। बाद में मिनिट्स ऑफ मीटिंग में छेड़छाड़ कर उनकी आपत्ति को ही रिकॉर्ड में नहीं लिया गया। 



ई-मेल से हुआ खुलासा



दरअसल विश्वविद्यालय प्रबंधन के इस कारनामे का खुलासा कार्यपरिषद सदस्यों की तरफ से प्रभारी कुलसचिव को भेजे गए ईमेल से हुआ है। इसमें उन्होंने 5 बिंदुओं में अपनी बात लिखते हुए गंभीर आपत्ति जाहिर की है। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय की तरफ से ऐसा किया जाना कार्यपरिषद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। 



मापदंड पूरा करने वालों को संबद्धता



ईसी बैठक में उन नर्सिंग कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने का निर्णय लिया गया, जिन्होंने पूर्व की कमियों को पूरा कर दिया है। हैरानी की बात तो यह है कि कमियां दूर होना साल 2022-23 में बताया जा रहा है और संबद्धता 2020-21 के लिए जारी की गई है। 



फर्जी फैकल्टी और भवन की कमी के लगे थे आरोप



जिन कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने का खेल खेला गया है उन्होंने अपने कॉलेजों में फर्जी फैकल्टी दर्शाई थी, साथ ही भवन और दूसरी अधोसंरचना की कमियां पाई गई थीं। साफ है कि वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह सब उपलब्ध नहीं था। अब बिना पढ़ाई किए उनको परीक्षा दिलाने की अनुमति की तैयारी कर दी गई है। जिससे मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। 




  • यह भी पढ़ें 


  • जबलपुर में फंगस वाली स्लाइन के मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, प्रमुख सचिव से तलब किया जवाब



  • यह है कार्यपरिषद सदस्यों की मांग



    सदस्यों की मांग है कि मिनट्स में जहां नियम-परिनियम व अध्यादेश के संबंध में चर्चा नहीं होने की बात लिखी है उसे विलोपित किया जाए। मिनट्स को वास्तविक स्वरूप में जारी किया जाए। बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग को संरक्षित व सुरक्षित रखा जाए। 



    फैसले को बताया अवैधानिक



    कार्यपरिषद सदस्य डॉ सुनील कुमार राठौर और डॉ पवन स्थापक ने ईमेल में लिखा है कि सभी की सहमति से इन कॉलेजों को संबद्धता का प्रस्ताव अमान्य किया गया था। तो इनको संबद्धता दिए जाने का कोई कारण नहीं बनता। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक सिद्धांत के विपरीत जाकर संबद्धता देना अवैधानिक है। 


    Jabalpur News जबलपुर न्यूज़ EC meeting of MU tampering with the minutes of the meeting affiliation given to colleges without criteria एमयू की ईसी बैठक बैठक के मिनट्स से छेड़छाड़ बिना मापदंड वाले कॉलेजों को दी संबद्धता